नई दिल्ली : UP विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद सारी संभावनाओं को अचानक पलटते हुए भाजपा ने सीएम पद के लिए योगी आदित्यनाथ का नाम फाइनल कर दिया है।
शनिवार को विधायक दल की बैठक में औपचारिक तौर पर योगी आदित्यनाथ का नाम रख उन्हें नेता चुन लिया गया। योगी आदित्यनाथ लगातार 5 बार से सांसद हैं और यूपी में बीजेपी की हिंदुत्ववादी राजनीति के चेहरे माने जाते हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ सूबे के अगले मुख्यमंत्री होंगे। शनिवार को लखनऊ में भाजपा विधायकों की हुई बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके साथ ही यूपी भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम उम्मीदवार चुना गया है। भाजपा ने नतीजे आने के 7 दिनों बाद यह फैसला किया है। योगी आदित्यनाथ रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वैंकेया नायडू ने कहा कि विधायक दल की बैठक में सुरेश खन्ना ने योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा। 11 विधायकों ने उनके नाम के अनुमोदन किया। इसके बाद सबने एक साथ खड़े होकर कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं। इसके बाद योगी आदित्यनाथ को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को भाषण देते हुए कहा कि यूपी बहुत बड़ा प्रदेश है। इसे अच्छे से संभालना है तो मुझे दो साथी दें, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व हमें इसकी मंजूरी दे। इसके बाद चर्चा की गई। बाद में तय किया गया कि यूपी भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ के मेयर को दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया।
साथ ही बताया, रविवार को शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सभी सदस्य मौजूद होंगे। साथ ही कुछ वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री होंगे। पूरे देश में हमारे सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री और हमारी पार्टी के मुख्यमंत्रियों को शपथ समारोह में बुलाया जाएगा। अब हम लोग राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
यूपी में बीजेपी की प्रचंड जीत में पिछड़ी जाति, गैर-यादव ओबीसी और गैर-जाटव दलित वोटों की भी अहम भूमिका मानी जा रही है। ऐसे में राजनीतिक पंडित यूपी सीएम के तौर पर किसी ओबीसी नेता की संभावना पर जोर दे रहे थे। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह को भी बीजेपी सीएम पद के लिए मनाने की कोशिश हुई थी, लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया।
राजनाथ सिंह के इस रेस से हटने के बाद पिछले दो दिनों से गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा का नाम काफी तेजी से आगे बढ़ा। वाराणसी में यात्रा के दौरान मनोज सिन्हा के काशी विश्वनाथ और भैरव मंदिरों में दर्शन की तस्वीरों ने इस संभावना को और भी बल दिया लेकिन दिल्ली से लौटे योगी आदित्यनाथ की अचानक एंट्री से पूरा माहौल ही बदल गया।