नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को किसान आंदोलन के दौरान पांच लोगों की मौत के बाद तनाव बना हुआ है। बुधवार सुबह बरखेड़ापंत गांव में किसानों ने फायरिंग में मारे गए युवक के शव से साथ रास्ता जाम कर दिया।
इसके बाद इस पर बीजेपी सरकार की तरफ से हिंसा पर बड़ा बयान आया है। केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा है कि कांग्रेस किसानों की आड़ में हिंसा को बढ़ावा ना दे। पूरा देश देख रहा है कौन क्या कर रहा है
वहीं, भारी तनाव को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है। जिले के शेष इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। किसानों का मंदसौर के डीएम से धक्कामुक्की की भी खबर है। किसानों के गुस्से को देखते हुए अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए।
किसानों ने कलेक्टर के कपड़े तक फाड़ दिए। इस बीच गुरुवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मंदसौर जाने की खबर है। हालांकि खबरों के मुताबिक प्रशासन ने राहुल को मंदसौर जाने की इजाजत नहीं दी है।
आपको बता दें कि कृषि उत्पादों के उचित मूल्य और अन्य मांगों को लेकर किसान एक जून से पश्चिमी मध्य प्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को आंदोलन के हिंसक होने के बाद पुलिस की फायरिंग में 5 लोगों की मौत हो गई थी। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मृतकों के शरीर पर कथित तौर पर गोली के निशान हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने किसानों के उग्र होने के बावजूद उन पर पुलिस फायरिंग से इनकार किया है।
कलेक्टर एस के सिंह ने इस घटना में पांच लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि इसकी न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।
कलेक्टर ने बताया कि पुलिस को आंदोलन कर रहे किसानों पर किसी भी स्थिति में गोली नहीं चलाने के आदेश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि मरने वालों की पहचान मंदसौर के रहने वाले कन्हैयालाल पाटीदार, बबलू पाटीदार, चेन सिंह पाटीदार, अभिषेक पाटीदार और सत्यनारायण के तौर पर की गई है। अभिषेक और सत्यनारायण ने इलाज के लिये इंदौर ले जाते वक्त दम तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि घटनास्थल वाले जिले के तनावग्रस्त पिपल्यामंडी पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है तथा शेष पुलिस थाना क्षेत्रों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। सिंह ने बताया, ‘पुलिस ने हमें बताया कि पुलिस ने न तो गोली चलाई और न ही गोली चलाने के आदेश दिए।’
उन्होंने बताया कि मृतकों के पोस्टमॉर्टम की विडियोग्राफी कराई जा रही है। रिपोर्ट के बाद ही उनकी मौत का सही कारण मालूम हो सकेगा। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार किसानों ने पिपल्यामंडी के पार्श्वनाथ इलाके में पथराव करने के बाद 10 वाहनों को आग लगा दी और किसान बेहद उग्र हो गए।