नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह धर्मांतरण के मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है। अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ है और अगर देश के अन्य राजनीतिक दल धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपने रुख पर गंभीर हैं, तो उन्हें इस पर विधेयक का समर्थन करना चाहिए।
अमित शाह कोच्चि में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि भाजपा जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाना चाहती है। इसलिए तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों को हमारी पार्टी की इस पहल का समर्थन करना चाहिए और साथ आना चाहिए।
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी अल्पसंख्यक संगठनों से बात करने को तैयार है तो उन्होंने कहा कि इस विषय पर राजनीतिक दलों में सहमति बनने पर ही इस पर सार्वजनिक चर्चा की जा सकती है।
अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि बीजेपी देश को साम्प्रदायिक आधार पर बांटना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘इन आरोपों का कोई आधार नहीं है। कालाधन का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि उनकी पार्टी विदेशों में जमा कालाधन देश में वापस लाने पर प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बारे में उन्होंने राज्य में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व में बनने का विश्वास व्यक्त किया। भाजपा अध्यक्ष दो दिन के दौरे पर केरल में हैं।