मानसून सत्र की शुरुआत से ही संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है. हंगामे की वजह मणिपुर हिंसा है. दोनों सदनों में विपक्ष मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है. इन सब के बीच झारखंड से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुशील कुमार सिंह देश भर में समान नागरिक संहिता पर कानून बनाने को लेकर एक प्रस्ताव आज लोकसभा में पेश करेंगे.
इस प्रस्ताव के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 44 में देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता का प्रावधान है. संविधान ने सभी नागरिकों को मूलभूत अधिकार दिए हैं, जिनमें एक अधिकार कानून में समानता है. इसमें धर्म, जाति या लिंग के आधार पर भेदभाव की मनाही है. संविधान हर नागरिक के जीवन और निजता की रक्षा के अधिकार का प्रावधान भी करता है. लेकिन महिलाओं के मामले में इन अधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा है, जिसके चलते लैंगिक समानता को खतरा है और यह संवैधानिक मूल्यों के उल्ट भी है.
इसलिए पूरे देश में एक ऐसा समान नागरिक संहिता कानून लागू करने करने की जरूरत है. जिसमें आदिवासी समुदायों के पारंपरिक मूल्यों और रीति-रिवाज की संविधान प्रदत्त गारंटी को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ा जाए. गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी के राजस्थान के सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी राज्य सभा एक प्राइवेट मेंबर बिल रख चुके हैं. उत्तराखंड़ में समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है और जल्दी ही यह रिपोर्ट राज्य सरकार को दी जाएगी.