नई दिल्ली: घरेलू ब्लैलकमनी के खुलासे के लिए मोदी सरकार की ओर से लाई गई इनकम डिस्लोे जर स्कीरम (आईडीएस) 30 सितंबर 2016 को खत्मह हो गई। इसके बाद 8 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का एलान कर दिया। इससे सबसे ज्याहदा परेशान अब बड़ी मात्रा में कैश में ब्लैएकमनी रखने वालों को हो रही है, क्योंसकि 30 दिसंबर के बाद पुराने नोट बेकार हो जाएंगे। इस बीच, सरकार ने ब्लैशकमनी को व्हा इट करने का एक और मौका दिया है।
केंद्रीय कैबिनेट में प्रस्तााव पास कर सरकार ने यह कहा है कि जिसके पास भी ब्लै्कमनी है, वह 50 फीसदी टैक्सक देकर अपना पूरा पैसा लीगल करा ले और जेल जाने से भी बच जाए। एक्स पर्ट्स का मानना है कि एक तरह से यह आईडीएस स्कीनम- 2016 का एक्सलटेंशन है। साथ ही ब्लै्कमनी की कार्रवाई से बचने के लिए एक आखिरी मौका भी है। इसके लिए इनकम टैक्स कानून में बदलाव किए जाएंगे। सरकार संसद के चालू शीतकालीन सत्र में इनकम टैक्सस कानून में संशोधन लाने जा रही है।
कैबिनेट ने मंजूर किए प्रपोजल
कैबिनेट से मंजूर हुए प्रपोजल के अनुसार, अगर कोई व्यंक्ति अपनी ब्लैाकमनी का खुलासा खुद करता है, तो उसे जमा रकम पर 50 फीसदी टैक्स देना होगा। बाकी 50 फीसदी रकम उसकी हो जाएगी लेकिन इसमें एक कंडीशन है। वह यह कि डिस्लोनकम जर करने वाले को जो 50 फीसदी रकम मिलेगी, उसमें से 25 फीसदी रकम वह 4 साल तक बैंक से निकाल नहीं पाएगा। इस रकम पर उसे कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा। कैबिनेट द्वारा इनकम टैक्स कानून में स्वीेकार किए गए संशोधन के मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 500 और 1000 की पुरानी करंसी में निश्चित सीमा से ज्यादा किए गए डिपॉजिट पर 50 फीसदी टैक्स लग सकता है। यह टैक्स उस डिपॉजिट पर लगाया जाएगा, जो खुद घोषित किया गया हो।
जुर्माने के साथ हो सकती है जेल भी
यह कहा जा सकता है कि ब्लैोकमनी को व्हा इट करने का एक तरह से यह आखिरी मौका है। अगर इस स्कीिम में ब्लै5कमनी घोषित नहीं की गई, तो भारी टैक्स और जुर्माने के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है। कैबिनेट से पास हुए प्रपोजल के अनुसार, ऐसे डिपॉजिट्स जो डिक्लेयर नहीं किए गए हैं और उनका पता टैक्स अथॉरिटीज ने लगाया है, उन पर 90 फीसदी टैक्स और पेनल्टी लगाई जाएगी। इसमें जमा रकम पर 60 फीसदी की दर से टैक्स और 30 फीसदी की दर से जुर्माना शामिल है। यानी, टैक्सग अथॉरिटी द्वारा पकड़े जाने पर जमाकर्ता को केवल 10 फीसदी पैसा ही वापस मिलेगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस रकम का इस्तेैमाल मुख्य रूप से रूरल डेवलपमेंट पर करेगी। सरकार ने डिमोनेटाइजेशन की घोषणा के साथ 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को जमा करने या नई करंसी में एक्सचेंज करने के लिए 50 दिन का समय दिया, जो 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक के लिए है।
नहीं होगी कानूनी कार्रवाई
इस स्कीगम में साफ है कि यह विंडो 30 दिसंबर 2016 तक के लिए है। मान लीजिए, कोई व्य क्ति 1 करोड़ का ब्लै कमनी डिस्लोीग ज करता है। इस स्थिति में सरकार के मौजूदा प्रपोजल के अनुसार उसे 1 करोड़ के डिपॉजिट पर 50 लाख रुपए टैक्सो सरकार को देना होगा। शेष 50 लाख रुपए अब उसकी लीगल मनी या व्हालइट मनी हो जाएगी। लेकिन, इसमें शर्त यह है कि जो उसके पास 50 लाख रुपए आएंगे। उसमें से 25 लाख वह अगले 4 साल तक बैंक से नहीं निकाल पाएगा और इस पर उसे कोई ब्यापज भी नहीं मिलेगा। यानी, 1 करोड़ की ब्लैलकमनी डिस्लोक ब ज करने पर उसे 25 लाख रुपए तुरंत मिल जाएंगे और 25 लाख वह 4 साल बाद ले सकेगा। यदि उसने इस प्रपोजल के तहत अनअकाउंटेड मनी डिस्लो ब ज की तो उस पर कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं होगी। इससे पहले टैक्स अधिकारी 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच डिपॉजिट होने वाले 2.5 लाख रुपए से ज्यादा ब्लैकमनी पर अधिकतम टैक्स और 200 फीसदी पेनल्टी की बात कर रहे थे।
आईडीएस- 2016 से मिले थे 65 हजार करोड़
मोदी सरकार 1 जून से 30 सितंबर 2016 अनअकाउंटेड एसेट्स का खुलासा करने के लिए इनकम डिस्लो जर स्कीाम (आईडीएस) 2016 लेकर आई थी। फाइनेंस मिनिस्ट्रीप के अनुसार आईडीएस 2016 के तहत 64,275 लोगों ने अपने ब्लैआकमनी की जानकारी दी। इन लोगों से कुल 65,250 करोड़ रुपए के ब्लैीकमनी की जानकारी मिली है। इस रकम में वो 8000 करोड़ रुपए भी शामिल हैं, जो एचएसबीसी की लिस्ट में थे। इस स्कीमम के तहत ब्लैहकमनी रखने वालों को अपनी अघोषित आय पर 45 प्रतिशत इनकम टैक्सक देना था।