काला धन मामला : सरकार खोलेगी एचएसबीसी के 60 खातेदारों के नाम

नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने कालेधन के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। 60 लोगों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। ये वो लोग हैं जिनके नाम पर विदेशी बैंकों में काला धन जमा है।

काले धन के खिलाफ अपनी मुहिम के तहत केंद्र सरकार जल्द ही एचएसबीसी बैंक की जेनेवा शाखा के 60 भारतीय खातेदारों के नाम उजागर कर सकती है। कर चोरी को लेकर इन लोगों के खिलाफ पहले ही कानूनी कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।

सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग द्वारा की गई जांच-पड़ताल के बाद जिन लोगों के खिलाफ यह कार्यवाही शुरू की गई है उनमें कुछ कॉरपोरेट, बिजनेस घराने और अन्य लोग शामिल हैं। आयकर विभाग ने यह जांच विदेश में जमा काले धन का पता लगाने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) के निर्देश पर की थी।

सूत्रों के मुताबिक कर चोरी के मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में इन साठ लोगों के ख़िलाफ़ सबूत मिलने के बाद ये क़ानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। डबल टैक्सेसन समझौते के मुताबिक कोर्ट की कार्रवाई शुरू होने के बाद ही इन खाताधारकों के नाम जाहिर किए जा सकते हैं।

इस बीच एक और बड़ी ख़बर इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से आई है। इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने एचएसबीसी बैंक से लीक हुई जानकारी के मुताबिक़ विदेशी ब्रांचों में भारतीयों के जमा काला धन की नई लिस्ट जारी कर दी है। ये लिस्ट साल 2006 से 2007 के बीच की है। इस लिस्ट में 1195 लोगों के नाम हैं। ये नई लिस्ट कुछ दिन पहले फ्रांस सरकार द्वारा मुहैया कराई गई लिस्ट से लगभग दोगुनी है। लिस्ट 200 से अधिक देशों में जमा भारतीयों के काला धन के बारे में है और बताया जा रहा है कि इसमें 25 हज़ार 420 करोड़ के काले धन का खुलासा है। ये पूरी जानकारी इंडियन एक्सप्रेस और कुछ विदेशी अखबारों ने मिलकर जुटाई है।

आपको बता दें कि विदेशों में काला धन जमा होने के मामले में चीन पहले और रूस दूसरे नंबर पर है। वहीं 2003 से 2012 के बीच दस सालों में जिन देशों से सबसे अधिक काल धन विदेशी बैंकों में जमा हुआ। उसमें भारत चौथे नंबर पर है। इस सूची में चीन पहले, रूस दूसरे और मेक्सिको तीसरे नंबर पर है।

सूत्रों का कहना है कि एचएसबीसी बैंक के इन 60 खातेदारों के खातों में 1500-1600 करोड़ रुपये तक की रकम जमा होने का अनुमान है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एमबी शाह के नेतृत्व वाली एसआइटी ने गत दिसंबर में सरकार और शीर्ष अदालत को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एचएसबीसी की जेनेवा शाखा से जुड़े मामलों को जल्द ही न्यायसंगत परिणति तक पहुंचाया जाएगा।