महानगर कहे जाने वाले मुंबई में आज भी एसे लोग बसते है जो शौचालय के लिए खुली जगह तथा रेलवे ट्रैक के आस पास जैसे जगहों पर ही निर्भर है। जिस वजह मुंबई में कई जगहों पर साफ सफाई का अभाव देखने को मिलता है। इसी कारण मुंबई को साफ-सुथरा रखने और लोगों की सुविधा हेतु बीएमसी ने 4200 शौचालय बनवाने का फैसला किया है। प्रशासन का यह भी कहना है की उनकी कोशिश यही रहेगी की जून, 2014 तक 210 शौचालय घर (4200 शौचालय) बनकर तैयार हो जाए।
अगर बीएमसी के इस दिशा में पहले किये गये काम पर ध्यान दिया जये तो यह पता चलता गई कि बीएमसी ने पिछले बारह सालों में 519 शौचालय घर (10,899 शौचालय) बनवाएं हैं। इसे बवाने में 131 करोड़ रुपए खर्च हो चुका है जबकि 2012-14 के लिए 141 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया है।
बीएमसी के सर्वे और 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक़ मुंबई के लगभग 20 लाख लोग आज भी खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। मुंबई की लगभग 60 फीसदी आबादी झुग्गियों में बसर कर रही है। 2012-13 के बजट में बीएमसी ने मांग और आपूर्ति के अंतर को खत्म करने के लिए 5 वर्षों में जरूरत के मुताबिक शौचालय बनाने का निर्णय लिया है। इस अंतर को कम करने के लिए बीएमसी के सर्वे के अनुसार लगभग 360 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी ।