नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र के बाद उत्तर प्रदेश और अब शहर के चुनाव में अपना परचम लहराया है। भारतीय जनता पार्टी ने महापौर की 16 सीट में से 14 पर जीत दर्ज की। दो सीट पहली बार मेयर के चुनाव में उतरी बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई है।
चुनाव में मिली जीत के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को बड़ा तोहफा दिया है :
सीएम ने ऐलान किया है कि वृद्धाश्रम, अनाथालयों और विशेष बच्चों के संस्थानों को सस्ती बिजली दी जाएगी। UPPCL ने इस संस्थानों के लिए बनाई गई विशेष कैटिगरी को समाप्त कर घरेलू उपभोक्ताओं में शामिल कर लिया है।
अगर ये संस्थान शहरी इलाकों में आते हैं तो इनसे शहरी टैरिफ के आधार पर बिल वसूला जाएगा। ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण टैरिफ के अनुसार बिल बनेगा। इसके अलावा तीन साल के लिए लाइन लॉस का प्रतिशत भी निर्धारित कर दिया है।
नए टैरिफ में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के उपभोक्ताओं को राहत दी गई है। पश्चिमांचल के 14 जिलों के करीब 23 लाख उपभोक्ताओं को रेग्युलेटरी सरचार्ज नहीं देना होगा। इन उपभोक्ताओं को 4.28% प्रतिशत रेग्युलेटरी सरचार्ज देना पड़ता था। पश्चिमांचल में नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद और मेरठ जैसे शहर शामिल हैं। हालांकि, ग्रेटर नोएडा के लोगों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। उन्हें 6% रेग्युलेटरी सरचार्ज देना पड़ेगा।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन के दबाव में आचार संहिता के दौरान नई दरें लागू करने का आरोप लगया है। उन्होंने दावा किया कि नई दरें लागू करने की अनुमति लेने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को भेजे गए पत्र में नियामक आयोग ने इसका जिक्र भी किया है। परिषद के मुताबिक इसमें लिखा है कि पावर कॉरपोरेशन के अनुरोध पर नई दरें लागू की जा रही हैं।
ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की बिजली अप्रैल से और बिजली महंगी होने वाली हैं। आयोग ने ऐसे उपभोक्ताओं के लिए 300 रुपये प्रति किलोवॉट प्रति माह के हिसाब से टैरिफ का ऐलान किया। इसे अप्रैल-2018 के बाद बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया जाएगा। उधर, बिजली दरें बढ़ाए जाने के विरोध में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद 1 दिसंबर को पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा।