नहीं रहे अभिनेता प्राण

 

pran.बॉलिवुड के पहले ‘सुपरस्टार विलन’ प्राण का निधन हो गया है। 93 वर्षीय प्राण ने शुक्रवार रात 8:30 बजे मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रह थे। प्राण को हाल ही में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

खलनायक और चरित्र अभिनेता की अमर भूमिकाएं निभाने वाले बॉलीवुड के अभिनेता प्राण का शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। फूलों से सजी एम्बुलेंस प्राण के पार्थिव शरीर को लेकर उपनगर बांद्रा में स्थित निजी अस्पताल से शिवाजी पार्क के लिए रवाना हुई।

प्राण की रौबदार आवाज और अभिनय का अनोखा अंदाज एक समय फिल्म की सफलता की गारंटी माना जाता था। 12 फरवरी 1920 को पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके के एक धनी पंजाबी परिवार में जन्मे प्राण की शिक्षा कपूरथला, उन्नाव, मेरठ, देहरादून और रामपुर आदि जगहों पर हुई। प्राण के पिता लाला केवल कृ”न सिकंद सरकारी नौकरी में थे। शुरुआती दिनों में प्राण फटॉग्रफर बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही तय कर रखा था। एक फिल्म प्रड्यूसर के साथ अचानक हुई मुलाकात के बाद उन्हें 1940 में पहली फिल्म (पंजाबी) ‘यमला जट’ में ब्रेक मिला।

इसके बाद से ही प्राण ने बतौर अभिनेता कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसके बाद उन्होंने चौधरी (1941), खानदान (1942), कैसे कहूं (1945) और बदनामी (1946) आदि में काम किया। बंटवारे के बाद प्राण अपनी पत्नी शुक्ला, पुत्रों अरविंद और सुनील के साथ मुंबई वापस आ गए लेकिन उनके लिए यह समय आसान नहीं रहा।

प्राण को शुरू में काम पाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्राण ने तो आशा ही छोड़ दी थी लेकिन तभी उर्दू के प्रसिद्ध लेखक मंटो ने उनकी मदद की। देव आनंद स्टारर ‘जिद्दी’ (1948) में उन्हें एक रोल मिला, जो उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। 1969 से 1982 तक प्राण हिंदी सिनेमा में लगभग हर हीरो के खिलाफ विलन की भूमिका में रहे। मधुमतिए जिस देश में गंगा बहती है, राम और श्याम और देवदास जैसी फिल्मों के लिए प्राण को हीरो के बराबर पैसा और सम्मान मिला।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्राण को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक “आइकन” बताया जिसने फिल्मों में असंख्य किरदारों में “लचस्प प्रदर्शनों” से कई पीढ़ियों का मनोरंजन किया है। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चकन ने उन्हें जैंटनमैन कहते हुए ट्विटर पर लिखा है, वे सराहनीय सहयोगी और एक विचारशील मानव थे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हिन्दी सिनेमा के महान अभिनेता प्राण के निधन पर शोक जताया।लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि प्राण के निधन के साथ ही हमने एक महान अभिनेता खो दिया। उन्होंने कई दशकों पर हिन्दी सिनेमा पर राज किया है लाखों भारतीय और विदेशी दर्शकों का दिल जीता है।