नई दिल्ली : उरी आतंकी हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर परोक्ष रूप से पाकिस्तान का साथ देने को लेकर चीन के खिलाफ भारत में रोष है। ऐसे में बड़े पैमाने पर चीनी सामानों का बायकॉट करने का आह्वाहन देशभर में हो रहा है। इसे लेकर चीन डरा हुआ है।
चीन के सरकारी मीडिया ने भारत को चेतावनी दी है कि उसके उत्पादों को बायकॉट करने से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध खराब होंगे। चीन के सरकारी मीडिया ने कहा राजनीतिक मुद्दों के बहाने पूर्वी एशियाई देश के सामानों का बहिष्कार करने से चीन और भारत के व्यापार में घाटा होगा। इससे द्विपक्षीय संबंध भी खराब होंगे।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर दो अलग-अलग लेख प्रकाशित किए हैं। इनमें कहा गया है कि अपने विशाल बाजार में चीनी सामान के मुक्त प्रवाह की अनुमति के अलावा भारत को अपने औद्योगिक बुनियादी ढांचे में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे भारत में व्यापार असंतुलन के मुद्दे का समाधान होगा।
इस सप्ताह के अंत में गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होनी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर वे व्यापार घाटे के बारे में विस्तार से बात नहीं कर सकेंगे।
चीनी सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में कहा कि चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स के अनुसार, भारत ने सितंबर में 92.2 लाख डॉलर मूल्य की वस्तुएं चीन में निर्यात कीं। वहीं, चीन से भारत ने करीब 5.4 अरब डॉलर की वस्तुएं आयात कीं।
इसमें कहा गया है कि चीन से भारत ने प्रमुख रूप से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, दूरसंचार उपकरणों, रसायन और दवा उत्पादों को आयात किया है। वहीं भारत ने चीन को प्रमुख रूप से अयस्क, प्लास्टिक और कपास निर्यात किया है।