जहाँ एक तरफ देश की सुरक्षा व्यवस्था पर पहले ही सवालिया निशान लगे हुए है, कभी बम विस्फोर्ट तो कभी देश के सैनिकों पर हमला हो जाता है। तो वहीँ दूसरी और इंडियन आर्मी में इस तरह से डॉक्युमेंट्स लीक होने से यही अंदाजा लगया जा सकता है कि इंडियन आर्मी के कई महत्वपूर्ण और गुप्त योजनाओं के बारे में इंटरनैशनल प्रतिनिधियों को पहले ही पता चल जाता था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक वर्मा नाम का व्यक्ति इस काम को अंजाम देता था, यह आदमी आर्म प्रतिनिधि का काम करता है। यह हथियार बनाने वाली कंपनियों को महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट्स पहूँचाता था।
अभी कई डॉक्युमेंट्स रक्षा मंत्रायलय और सीबीआई को प्राप्त हुए हैं, जिससे यह पता चलता है कि अभिषेक वर्मा का सीधा कनेक्शन इंटरनैशनल आर्म्स कंपनी सिग सावर से है। इसके अभिषेक वर्मा ने अमेरिका स्थित अपने फंड मैनेजर दोस्त सीण् एडमंड्स एलन को भेज दिया। आर्मी चीफ जनरल विजय कुमार सिंह ने एक तथ्य पत्र तैयार किया था जिसमें इस तरह के 45 महत्वपूर्ण और गुप्त आर्म्स डील शामिल थे।
अभिषेक वर्मा जिन डॉक्युमेंट्स को ने इंटरनैशनल दलालों तक पहूँचाया उसमें इंडियन आर्मी की कई योजनाओं की महत्वपूर्ण सूचनाएं थी। लॉन्चर्स और मिसाइलों की जरूतें, आने वाले समय में आर्मी के तरक्की करने की तैयारी, ऐंटी टैंक गाइड मिसाइल आर्मी में 3.डी रडार की जरूरतों के साथ टेक्निकल मोबाइल कम्युनिकेशन की योजनाओं की कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ शामिल थी।
सूत्रों की माने तो यह सभी महत्वपूर्ण गुप्त डॉक्युमेंट्स 19 अप्रैल 2011 को एक ईमेल के जरिये भेजे गये थे। इसके बाद इंटरनैशनल आर्म्स कंपनियों ने इंडियन आर्मी में अभिषेक वर्मा की पहुँच की पुष्टि भी की है। श्इंडियन एक्सप्रेसश् ने अपनी एक खबर में यह कहा है कि उसने इस डॉक्युमेंट्स के आधार पर खबर नहीं छापने का निर्णय लिया था। लेकिन आर्मी के अधिकारियों ने यह बताया कि यह सूचना लीक हो गई है। इस वक़्त सबसे चिंता जनक बात यह है कि इंडियन आर्मी के पास गोला.बारूदों की बहुत कमी है और यह कमी इतनी है की हमारे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ा सकती है।