नई दिल्ली : पिछले लंबे समय से तीन तलका बिल को लेकर राजनीति गर्म थी। तो वहीं अब इस मामले में कैबिनेट ने तीन तलाक संशोधन को मंजूरी दे दी है। आज लोकसभा में तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी गई है।
केंद्र की मोदी सरकार तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) और निकाह हलाला संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 में केंद्रीय कैबिनेट ने कुछ संशोधन को मंजूरी दे दी है। जिसमें तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को बेल देने का अधिकार होगा। यानी की मजिस्ट्रेट के फैसले के बाद आरोपी को बेल दी जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि तीन तलाक बिल को लेकर पिछले लंबे समय से बहस छिड़ी हुई है, जिसमे आज ताजा अपडेट आया और मामले को मंजूरी दे दी गई। तो वहीं यह भी कहा जा रहा था कि, केंद्र की मोदी सरकार तीन तलाक और निकाह हलाला संबंधी मुस्लिम महिला विधेयक, 2017 में कुछ संशोधन कर सकती है। जिसमें एक बार में तलाक देने वालों को तीन साल की सजा को घटाया जा सकता है।
लेकिन अब ताजा खबर के मुताबिक़, तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी गई है और नए प्रावधान के साथ इस नियम को लागु कर दिया जायेगा। दरअसल साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार इस विधेयक को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करना चाहती है।
लेकिन विपक्ष द्वारा इस विधेयक के कुछ नियमों पर आपत्ति के चलते यह ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में पिछले सत्र में अटक गया था। लिहाजा केंद्र सरकार विपक्ष को संतुष्ट करने के लिए बिल में कुछ संशोधन कर सकती है। तो अब बिल को मंजूरी मिलने के साथ ही अगले लोकसभा चुनाव में इसका बड़ा फायदा देखने को मिलेगा।
बता दें कि पिछले सत्र में राज्यसभा में इस विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंक झोंक देखने को मिली थी। जब विपक्ष की तरफ से विधेयक को त्रुटिपूर्ण बताते हुए प्रवर समिति में भेजने की मांग की गई थी। कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में बिल में पीड़ित महिला को पति के जेल जाने के बाद गुजारा भत्ता दिए जाने का संशोधन पेश किया गया था लेकिन यह संशोधन निचले सदन में गिर गया।
तो अब देखना होगा की अब आगे आने वाले समय में तीन तलाक मामले पर आरोपी की सजा के तौर पर क्या सजा दी जाएगी। साथ ही अभी भी इस बिल को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकती है।