नई दिल्ली : अब से प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा इलाहाबाद। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही जिन संस्थाओं के नाम में इलाहाबाद लगा हुआ है। उनका नाम भी बदल दिया जाएगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद हाईकोर्ट व अन्य संस्थाओं को नाम को बदलने के लिए राज्य सरकार संबंधित संस्थाओं को पत्र लिखेगी। आपको बता दें कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने की मांग लंबे अर्से से संत-महात्मा करते आ रहे हैं। मांग करने वालों का तर्क है कि पहले भी इलाहाबाद का नाम प्रयाग ही था जिसे मुगल बादशाह अकबर ने बदलकर ‘अल्लाहाबाद’ रख दिया था। कालांतर में इसे इलाहाबाद कहा जाने लगा।
बता दें कि, 2019 में होने वाले कुंभ आयोजन से पहले योगी सरकार ‘इलाहाबाद’ का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ करने की तैयारी काफी पहले से कर रही थी। इस संबंध में डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी बयान दे चुके हैं। मई महीने में ‘इलाहाबाद’ दौरे पर उन्होंने कहा था, ‘इलाहाबाद’ की पहचान यहां तीन नदियों के संगम की वजह से है, इसलिए इसका नाम ‘प्रयागराज’ होना चाहिए। यही नहीं, उन्होंने कुंभ आयोजन से पहले इस काम को पूरा करने का आश्वासन भी दिया था।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयाग’ करने की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल महोदय ने ‘बॉम्बे’ का नाम ‘मुंबई’ करने में अहम भूमिका निभाई थी। उम्मीद है वह इस पत्र को गंभीरता से लेकर मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे। कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के प्रस्तावा को कैबिनेट की मंजूरी के एक दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर नाम बदलने की मंशा पर सवाल उठाए थे।
अखिलेश ने इलाहाबाद का नाम बदलने को आस्था के साथ खिलवाड़ बताया था। उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा, राजा हर्षवर्धन ने अपने दान से प्रयाग कुम्भ का नाम किया था और आज के शासक केवल नाम बदलकर अपना काम दिखाना चाहते हैं। इन्होंने तो अर्द्ध कुम्भ का भी नाम बदलकर कुम्भ कर दिया है। ये परंपरा और आस्था से खिलवाड़ है।
राजा हर्षवर्धन ने अपने दान से ‘प्रयाग कुम्भ’ का नाम किया था और आज के शासक केवल ‘प्रयागराज’ नाम बदलकर अपना काम दिखाना चाहते हैं. इन्होंने तो ‘अर्ध कुम्भ’ का भी नाम बदलकर ‘कुम्भ’ कर दिया है. ये परम्परा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 15, 2018
इसके पहले रविवार को सीएम योगी ने इलाहाबाद का नाम बदलने का एलान किया था। संतों ने इलाहाबाद में मार्गदर्शक मंडल की बैठक में यह मुद्दा उठाया था। राज्यपाल ने भी इलाहाबाद का नाम बदलने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग किए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बाबर की औलादों के नामों से मुक्ति के लिए मुरादाबाद का नाम मन की बात नगर, फैजाबाद का नरेंद्र मोदीपुर और फतेहपुर का नाम अमित शाहनगर किया जाए। उन्होंने कई अन्य नगरों के नए नाम भी सुझाए हैं।
जस्टिस काटजू ने सोमवार को सोशल साइट पर पोस्ट किए गए अपने व्यंगात्मक कमेंट में इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने के लिए मुख्यमंत्री योगी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने अन्य नगरों को बाबर की औलादों के नाम से मुक्ति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को उनके नाम बदलने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि अलीगढ़ का नाम अश्वत्थामा नगर, आगरा का अगत्स्यनगर, गाजीपुर का गणेशपुर, शाहजहांपुर का सुग्रीवपुर, मुजफ्फरनगर का नाम मुरली मनोहर नगर कर दिया जाए। इसी तरह आजमगढ़ का नाम अलकनंदापुर, हमीरपुर का हस्तिनापुर, लखनऊ का लक्ष्मणपुर, बुलंदशहर का बजरंगबलीपुर, गाजियाबाद का नाम गजेंद्रनगर या घटोत्कचनगर, फिरोजाबाद का द्रोणाचार्य नगर. फर्रुखाबाद का अंगदपुर, सुल्तानपुर का सरस्वतीनगर और मिर्जापुर का नाम मीराबाई नगर कर दिया जाए।