नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को कहा कि युवाओं को सामुदायिक स्वयंसेवकों के रूप में शामिल करने से एचआईवी/एड्स, तपेदिक, रक्तदान के बारे में जागरूकता पैदा करने और उनके साथ जुड़े कलंक व भेदभाव मिटाने में काफी मदद मिलेगी। मंत्री अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर देशभर के छात्रों के साथ वर्चुअल तौर पर बातचीत कर रहे थे।
भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे दृढ़ता से लगता है कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ हमारे देश को एक महान राष्ट्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए आपका योगदान सबसे महत्वपूर्ण है, जैसा कि हमारे गतिशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की थी।”
इस अवसर पर पवार ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत एचआईवी/एड्स और टीबी पर जागरूकता अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की।
उन्होंने एचआईवी/टीबी जागरूकता अभियान के पहले चरण के सफल शुभारंभ और रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) को बधाई दी।
कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी संख्या में युवाओं तक पहुंचने में नाको के काम की सराहना करते हुए, उन्होंने चरण 1 के तहत आयोजित विभिन्न जागरूकता गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए नाको द्वारा विकसित एक ई-बुकलेट जारी की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तिका किसी से जुड़ने के लिए एक गाइड के रूप में काम करेगी।
जीवन प्रत्याशा, शिशु मृत्युदर (आईएमआर), मातृ मृत्युदर (एमएमआर) आदि जैसे सभी स्वास्थ्य संकेतकों में भारत द्वारा किए गए सुधारों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सुधार हुआ है। भारत के स्वास्थ्य संकेतकों को सुधारने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पवार ने कहा, “न्यू इंडिया एटदरेट 75 ने राज्यों को छात्रों, किशोरों, युवाओं और अन्य हितधारकों को राष्ट्रीय हित में एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान किया है।”