नई दिल्ल: अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान भारतीय यात्री अक्सर ऐसी गलतियां करते हैं, जिसके कारण उन्हें कई बार विमान में सवार होने की इजाजत ही नहीं मिलती है। कई मामलों में तो उन्हें विदेश पहुंचने के बाद एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया जाता है।
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के एक कपल के साथ पेश आया है, जो हनीमून पर दुबई जा रहा था। मगर, बुधवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें विमान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई। महिला को जो वीजा जारी किया गया था, उसमें वाइफ ऑफ करके उसके पति का नाम लिखा था।
वहीं, महिला का पासपोर्ट शादी से पहले का बना था, जिसमें जाहिरतौर पर उसके पति का नाम नहीं लिखा था। ऐसे में जरूरी है कि जब भी आप विदेश यात्रा के लिए निकलें, तो सारे दस्तावेजों को पहले से तैयार कर लें। यदि पासपोर्ट पर स्पाउस का नाम नहीं लिखा है, तो शादी के सबूत (मैरिज सर्टिफिकेट आदि) को अपने साथ में रखें।
यदि आपके पास में मैरिज सर्टिफिकेट नहीं है, तो हलफनामा या शादी की तस्वीरों के साथ ही अन्य सबूत साथ में रखें। ऐसे ही कुछ मामलों में लोग ट्रांजिट वीजा नहीं लेते हैं और हवाई किराया कम देखकर टिकट बुक कर लेते हैं।
उदाहरण के लिए, भारत से वाया अमेरिका होते हुए कनाडा जाने के लिए या भारत से वाया कनाडा होते हुए अमेरिका के लिए उड़ान भरते समय लोग कनाडा या अमेरिका के लिए ट्रांजिट वीजा नहीं लेते हैं। ऐसे में उन्हें मूल हवाई अड्डों से वापस भेज दिया जाता है।
एक और गलती पासपोर्ट की वैधता अनदेखी करने की होती है। खासतौर पर तब जबकि वे उन देशों में जा रहे हैं जहां वीजा ऑन अराइवल दिया जाता है। इंडोनेशिया वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देता है। मगर, कई बार देखा गया है कि पर्यटकों को बाली से वापस भेज दिया गया। कारण उनकी वापसी की तारीख से कम से कम छह महीने में पासपोर्ट की वैधता समाप्त होने वाली होती है।