आधिकारिक तौर पर हालांकि कोई खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन समझा जाता है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन, पश्चिम बंगाल के एम. के. नारायणन, उत्तर प्रदेश के बी. एल. जोशी और गुजरात की कमला बेनिवाल से राज्यपाल के पद से हट जाने को कहा गया है। वहीं यूपी के राज्यपाल बीएल जोशी ने इस आदेश का पालन करना हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जबकि तीन अन्य राज्यपालों ने अपने इस्तीफे से जुड़ी खबरों का खंडन किया है।
वहीं बताया जाता है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने टिप्पणी की है कि अगर वह उनकी (राज्यपालों) की जगह होते तो पद से हट गए होते। इस बीच दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और इस समय केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित ने इस बारे में मीडिया में आ रही खबरों पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। तिरूवनंतपुरम में एक समारोह से इतर पर मीडियाकर्मियों ने उनका ध्यान जब इस ओर दिलाया तब शीला ने कहा, ‘मैं अफवाहों पर प्रतिक्रिया नहीं देती।’ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री को इस वर्ष मार्च में केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
इस बीच राजस्थान की राज्यपाल मार्गरेट अल्वा ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की जिसे ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया गया है। राज्यपाल के रूप में अल्वा का पांच साल का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो रहा है। वहीं कर्नाटक के राज्यपाल एच. आर. भारद्वाज और असम के राज्यपाल जेबी पटनायक भी राष्ट्रपति से मिले हैं। जोशी के इस्तीफे के बाद इन दोनों राज्यपालों के भी अपना इस्तीफा जल्द सौंपे जाने की बात कही जा रही थी। हालांकि पटनायक ने साफ किया कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई अफवाह है (उनके इस्तीफे के बारे में) तो मैं कुछ नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, जो कि उनके मित्र हैं, से मिलने का यह मतलब नहीं है कि वह इस्तीफा दे रहे हैं।