नई दिल्ली : चीन भारी तादाद में अफ्रीका से गधे खरीद रहा है। चीन हर साल अफ्रीका से लाखों गधे आयात कर रहा है। आप सोच रहे हैं कि आखिर चीन इन गधों का करता क्या होगा? चूंकि चीन को हर साल 40 लाख गधों की जरूरत पड़ती है इसलिए इतनी बड़ी तादाद को वह अकेला नहीं पूरा कर पाता, इसके लिए उसे गधे को अफ्रीका से इसे आयात करना पड़ता है। अधिकतर आयात अफ्रीका के नाइजर और बुर्कीना फासो जैसे देशों से होता है।
सीएनएन की खबर के मुताबिक चीन, अफ्रीका के अलग-अलग इलाकों से गधे मंगवाता है। इन गधों का इस्तेमाल चीन दवाइयां बनाने में करता है। दरअसल, चीन गधों की खाल से एक पारंपरिक दवाई इजिओ बनाता है। इस दवाई का नाम टीसीएम है। इसे बनाने में गधे की खाल से निकलने वाली गिलेटिन का इस्तेमाल होता है। चीन में इस दवाई की भारी मांग है और इस मांग को देखते हुए हर साल करीब 5 हजार टन टीसीएम बनाता है।
इस दवाई का इस्तेमाल चीन में सर्दी-जुकाम, एनीमिया और अनिद्रा जैसी बीमारियों के लिए होता है। इसके साथ-साथ इसका इस्तेमाल फेसक्रीम और एंटीएजिंग के तौर पर भी होता है। पर गधों के लिए होने वाले इस व्यापार में धीरे-धीरे खटास आ रही है। अफ्रीका इस व्यापार से नाखुश है। अफ्रीका में गधों की तादाद में कमी की वजह से अब वह चीन को मांग से बहुत कम गधे निर्यात कर रहा है।