नई दिल्ली : चीन ने मंगलवार (27 दिसंबर) कहा है कि वो साल 2018 में चंद्रमा के अंदरूनी हिस्सों पर पहली बार अंतरिक्ष यान भेजेगा। चीन अगले पांच सालों तक चंद्रमा पर मिशन भेजने की तैयारी में है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार चीन चंद्रमा पर ऑटोमेटेड एक्स्ट्रा-टेरेस्टियल सैंपलिंग एंड रिटर्निंग टेक्नोलॉजी हासिल करने की कोशिश करेगा। ये जानकारी चीन द्वारा जारी श्वेतपत्र “चीन स्पेस एक्टिविटीज 2016” में दी गई है।
चीन पहले ही चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान भेज चुका है लेकिन चंद्रमा के अंदरूनी अंधकार वालों हिस्सों में यान भेजकर वो इस उपलब्धि को दुनिया में सबसे पहले हासिल करना चाहता है। अभी तक किसी देश ने चंद्रमा के इन हिस्सों में यान नहीं भेजा है। इस श्वेतपत्र में कहा गया है, “चेंज-4 चंद्र अभियान सिटी और रोविंग डिटेक्शन में खोजबीन करेगा और धरती पर एल-3 बिंदु पर संदेश देगा।”
चीन के इस चंद्र अभियान के तीन तरण होंगे- कक्षा में घूमना, जमीन पर उतरना और वापस आना। चीन चेंज-5 नामक चंद्र अभियान साल 2017 के अंत तक मिशन पर जाएगा। श्वेतपत्र के अनुसार इस अभियान के तहत चंद्रमा से मिले नमूनों का प्रयोगशाला परीक्षण किया जाएगा। साथ ही टोपोग्राफिक और भौगोलिक सर्वे भी किए जाएंगे।
चीन साल 2020 तक मंगल पर अंतरिक्ष यान भेजगा जो लाल ग्रह की परिक्रमा करने के साथ ही उसका सर्वेक्षण करेगा। इस श्वेतपत्र में अगले कुछ सालों में चीन द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हासिल किए जाने वालों लक्ष्यों की भी चर्चा की गई है। इस श्वेतपत्र में अगले कुछ सालों में चीन द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हासिल किए जाने वालों लक्ष्यों की भी चर्चा की गई है। इसके अनुसार चीन 35 सेटेलाइट की मदद से 2020 तक अपना जीपीएस सिस्टम बनाएगा।