नई दिल्ली : चीन ने आज फिर भारत की सेना पर चीनी सेना में घुसने का आरोन लगाया है। चीन का कहना है कि भारतीय जवानों ने 4 किलोमीटर तक कब्जा कर लिया है।
सिक्किम में चल रहे विवाद पर चीन की तरफ से बयान आया। भारत में चीन के राजदूत लोऊ जाजोई ने इसे काफी गंभीर बताया और कहा कि भारत को तय करना है कि वह इस मसले को कैसे हल करना चाहता है।
चीन ने सिक्किम के निकट के क्षेत्र में चीनी सेना को सडक़ निर्माण करने से रोकने की भारतीय सेना की कार्रवाई को पूर्ववर्ती सरकारों के रूख का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि भारत को अपनी सेना को अवश्य ही पीछे हटा लेना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा भारत की सेना चीन में घुस आई है। 4 किलोमीटर तक चीन की जमीन पर उन्होंने कब्जा कर लिया है।
बता दें कि चीनी मीडिया लगातार भारत को जंग की धमकी दे रही है। इसपर जब राजदूत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चीनी सरकार ने उस विकल्प पर भी बात की थी और अब सब भारत सरकार पर निर्भर है। राजदूत ने कहा कि चीनी सरकार भारत के साथ शांति बनाए रखना चाहती है और पहले जैसे हालात बनाए रखने के लिए भारत को डोका ला इलाके से अपनी सेना को हटाना होगा। राजदूत ने कहा आगे की बातचीत के लिए सैनिकों को वहां से हटाया जाना सबसे ज्यादा जरूरी है।
भारत और चीन के बीच डोलकम इलाके में विवाद चल रहा है। पिछले 19 दिनों से स्थिति ऐसी ही बनी हुई है। सारा विवाद एक सड़क को लेकर शुरू हुआ जिसे चीन वहां बना रहा है। भूटान उस इलाके को डोकलाम कहता है और भारत ने उसका नाम डोका ला रखा हुआ है। चीन का दावा है कि वह जगह उसकी है और वह अपने हिस्से में ही निर्माण कर रहा है। चीन और भूटान में काफी सालों से बातचीत नहीं होती। वहीं भारत भूटान की हर संभव मदद करता है।
वहीँ राजदूत ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय जवान नियंत्रण रेखा को लांघकर उनकी तरफ चले गए। राजदूत ने यह भी कहा कि भारत को चीन और भूटान के बीच बोलने का और भूटान की तरफ से जगह पर अधिकार जताने का कोई हक नहीं है। राजदूत ने आखिर में कहा कि भारत को जल्द से जल्द सेना को हटा लेना चाहिए यह दोनों देशों के लिए अच्छा होगा।
उल्लेखनीय है कि चीन और भारत दोका ला क्षेत्र में तकरीबन एक महीने से तनातनी की स्थिति में फंसे हैं जो 1962 के बाद से दोनों देशों की सेनाओं के बीच सर्वाधिक लंबा प्रतिरोध है।
1962 में दोनों देशों के बीच जंग हो चुकी है। सिक्किम मई 1976 में भारत का हिस्सा बना। यह एकमात्र प्रदेश है जहां चीन के साथ सीमा सीमांकित है। यहां रेखा चीन के साथ 1898 में हुई संधि पर आधारित है। दोका ला उस क्षेत्र का नाम है जिसकी भूटान दोकलाम के रूप में पहचान करता है जबकि चीन उसे अपना दोंगलांग क्षेत्र होने का दावा करता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शुआंग ने कहा कि भारत को इस संधि का सम्मान करना चाहिए और तुरंत अपनी सेना को वापस कर लेना चाहिए। उन्होंने रक्षामंत्री अरूण जेटली की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है। उन्होंने कहा कि 2017 का चीन भी 1962 के चीन से भिन्न है और अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हर जरूरी उपाय करेगा।