चीनी सैनिकों ने लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी (डीबीओ) सेक्टर में एक और तम्बू गाड़ दिया है, और अब तम्बूओं की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। भारतीय सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को लेकर जारी गतिरोध का रास्ता चीन की और से रखी शर्त ने रोक रखा हैं। चीन की मांग है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बनी अपनी खुच रंनितिद चौकियों को हटायें। चीनी सैनिकों ने सुरक्षा और चौकसी के लिए खूंखार मोलोसर कुत्ते भी तैनात कर दिए हैं। भारतीय हद में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को लेकर जारी गतिरोध का रास्ता चीन की शर्त ने रोक रखा है।
सूत्रों के मुताबिक़ गतिरोध ख़त्म करने का रास्ता निकालने के लिए चल रही कवायदों में चीन की ओर से रखी मांग पर मंथन हो रहा है। चीनी सैनिकों की घुसपैठ को पहली बार 15 अप्रैल को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने देखा था। इसके बाद भारत की ओर से विभिन्न स्तरों पर यह मसला उठाया गया, लेकिन चीन ने किसी तरह की घुसपैठ से साफ इनकार किया है। इस तरह इस मसले पर दोनों देशों के बीच दो सप्ताह से गतिरोध है। दोनों देशों के बीच 18 और 23 अप्रैल को फ्लैग मीटिंग हो चुकी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक़ चीनी शर्त के सम्बन्ध में कोई फैसला नहीं हो सका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीन ने नए तम्बू लद्दाख में बुर्त्से से 70 km. दक्षिण में गाड़े हैं। इन तम्बूओं पर चीनी सेना ने अंग्रेजी में लिखा है कि आप चीन के इलाके में हैं। सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक एके एसॉल्ट राइफलों से लैस हैं। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना ने ये अतिरिक्त तम्बू दो फ्लैग मीटिंग के बेनतीजा होने के बाद लगाए हैं। सूत्र बताते है कि चीन का एतराज जिस भारतीय चौकी को लेकर है वह पूर्वी लद्दाख में दो पहाड़ियों के बीच है। इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगया जा सकता है, इस रणनीतिक स्थान से चीन की ओर का बड़ा इलाका भारतीय सेना की नजर में आता है।
सूत्र बताते हैं कि चीन का एतराज मुख्य रूप से जिस भारतीय चौकी को लेकर है, वह पूर्वी लद्दाख में दो पहाड़ियों के बीच है। इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां से चीन की ओर का बड़ा इलाका भारतीय सेना की नजर में आता है। चौकी नजर में आने के बाद चीन ने इसे 1996 में दोनों देशों के बीच सैन्य क्षेत्र में विश्वास बहाली के उपायों के विपरीत बताते हुए एतराज जताया था।
सूत्रों ने बताया कि सरकार इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के नेतृत्व वाले चाइना स्टडी ग्रुप और रक्षाए गृह और विदेश मंत्रालय सहित प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों की बैठकों पर नजर रखे हुए है। इस विषय पर विभिन्न मंत्रलय और सेना से भी राय मशविरा किया जा रहा है। हालांकि, चीन की शर्त को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक़ गतिरोध अभी तक शांतिपूर्ण है। दोनों पक्ष एक.दूसरे को वापस लौटने का बैनर दिखाते हुए जमे हुए हैं। चीनी सैनिकों के तम्बू के बहार लगे एक बैनर पर लिखा हुआ है ‘ आप चीनी सीमा में हैं ‘ माना जा रहा है कि राकी नाला इलाके में 50 चीनी सैनिक हैं। चीनी फौजियों के साथ न केवल गाड़ियां है, बल्कि विवादित स्थल से 25 किमी दूर स्थित स्थायी चौकी से गाड़ियों की आवाजाही भी हो रही है।
चीनी घुसपैठ से निबटने को लेकर विपक्ष के केंद्र सरकार पर हमले के बीच विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि यह अपना महत्व जताने का नहींए बल्कि एक स्वर में आवाज बुलंद करने का समय है। खुर्शीद ने कहा, ‘देश को साफ संकेत देना चाहिए कि हम एक स्वर में बोलते हैं। सरकार वह करेगी जो राष्ट्र हित में सर्वश्रेष्ठ है और मुझे लगता है कि हमें कुछ भी जरूरत से ज्यादा नहीं बोलना चाहिए।’