नई दिल्ली: कोयला क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी कोल इंडिया के कर्मचारियों की आज से पांच दिन की हड़ताल है। खनन क्षेत्र में निजी कंपनियों को अनुमति देने का ये लोग विरोध कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि हड़ताल से बिजली संकट बढ़ सकता है। कोयला क्षेत्र में कोल इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। बताया जा रहा है कि इस हड़ताल में कंपनी के पांच लाख कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। देश में रेलवे के बाद कोल इंडिया सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है।
उल्लेखनीय है कि देश में बिजली का 60 फीसदी उत्पादन कोयले के जरिए ही किया जाता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि फिलहाल के देश के 20 बिजली उत्पादन संयंत्रों में चार दिन से भी कम का कोयला स्टॉक है।
एटक के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि यह संभवत: उद्योग के इतिहास में सबसे बड़ी हड़ताल होगी। इस लंबी हड़ताल से बिजली क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से 2010 के बीच हुए 204 कोयला ब्लॉकों के आवंटन रद्द कर दिए थे। इसलिए सरकार ने ब्लॉकों के नए सिरे से निलामी के लिए अक्टूबर में कोयला अध्यादेश (विशेष प्रावधान) विधेयक-2014 पेश किया था। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 26 दिसंबर 2014 को ऑर्डिनेंस पर हस्ताक्षर किए थे।