एक कमरे में चल रहा संस्कृत महाविद्यालय

 

smallcollege1कानपुर, उत्तरप्रदेश । शहर के नानकारी में तकरीबन तीस वर्ष पूर्व स्थापित संस्कृत महाविद्यालय है। माद्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से अनुमोदित इस विद्यालय की हालात इस कदर है कि इसका भवन कभी भी गिर सकता है। जर्जर हालात का यह विद्यालय केवल एक कमरे का ही है।

निरीक्षण

पिछले दिनों शहर के कुछ स्वयं सेवियों की टीम ने इस विद्यालय का निरीक्षण किया तो चैक गऐ। विद्यालय में न तो छात्रो के लिऐ कोई फर्नीचर था और न ही विद्यालय का कोई कार्यालय। इस विद्यालय में पंजीकृत छात्र संख्या 59  है। पर निरीक्षण के दौरान एक भी छात्र वहाँ मौजूद नहीं था। प्रधानाचार्य नन्द किशोर दीक्षित सहित दयानिधि द्विवेदी, गीता शुक्ला और शिव भूषण शुक्ला विद्यालय में कार्यरत है परन्तु मौके पर इन चारों शिक्षको  मे से केवल दयानिधि द्विवेदी, गीता शुक्ला ही मौजूद थें। स्वयं सेवियों की टीम ने जानकारी हासिल की तो पता चला कि प्रधानाचार्य नन्द किशोर दीक्षित नही आऐ है और शिव भूषण शुक्ला किसी काम से विकास भवन गऐ हुऐ हैं। स्वयं सेवियों की टीम के सदस्य संजय कटियार और अंकुर कटियार ने विद्यालय की जानकारी हेतु दस्तावेज दिखाने का आग्रह किया तो कोई भी दस्तावेज विद्यालय में न होने की बात कही गई।

 

  • बाहरी व्यक्तियों का हस्तक्षेप रहता है विद्यालय में
  • क्षेत्रीय नागरिको की शिकायत,, अक्सर बन्द रहता है विद्यालय
  • विद्यालय का कोई दस्तावेज विद्यालय मे मौजूद नही

बदतर हालात

टूटा फर्स, मकडी के जाले, जर्जर छत और उस पर उगे पीपल की पौध से विद्यालय किसी कवाड़खाने से कम नहीं लग रहा था। विद्यालय के शौचालय में दरवाजे के स्थान पर पर्दा लटका हुआ मिला। कमरे के दरवाजे पर किवाड़ों के टूटे पल्ले लटक रहे थे। छात्रो के बैठने के लिऐ कोई व्यवस्था नजर नही आई। स्वयं सेवियों की टीम के सदस्य मनीष त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा लगता है कि मानों यहां कभी पढ़ाई होती ही नही है। उपस्थित शिक्षक दयानिधि द्विवेदी, और गीता शुक्ला से कोर्स कंटेण्ट के बारे में पूंछा तो कोई प्रतिक्रिया नही मिली।  

जवाब-तलब

विद्यालय की खराब हालात के बारे में जब स्वयं सेवियों की टीम ने बहां उपस्थित शिक्षकों की अनियमिता, छात्रो की अनुपस्थिति पर सवाल किये तो उन पर जवाब देते नहीं बना। टीम से बात-चीत के दौरान वहां उपस्थित रवि शुक्ला नाम के एक व्यक्ति लगातार टीम के सवालों पर कटाक्ष देते और रौब गांठते नजर आऐ तो नाम न प्रसारित करने की शर्त पर एक क्षेत्रीय नागरिक ने बताया कि यह शख्स यही की शिक्षिका के पति है और पास के ही संस्थान में कार्यरत है। ऐसा प्रतीत होता है कि विद्यालय की कार्य व्यवस्था पर बाहरी व्यक्तियों का हस्तक्षेप हावी है।

विद्यालय की खराव हालत के सुधार पर सवाल किया तो दयानिधि द्विवेदी ने बताया कि शिक्षक विधायक ने निधि से 75 हजार की राशि विद्यालय के लिऐ दी है राशि निर्गत होते ही कार्य कराया जाऐगा।