उत्तर प्रदेश के बिगड़े हालातो को देखते हुए कांग्रेस ने भी सपा पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस ने पहली बार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इस्तिफा मांगने के साथ ही अल्पयंख्यकों की मांग पर अध्यादेश के जरिये सांप्रदायिक दंगा रोकथाम कानून की पैरवी तेज कर दी है।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अखिलेश सरकार को तत्काल बर्खास्त कर उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। भाजपा तो पहले से ही आक्रामक थी, लेकिन कांग्रेस के तेवरों से साफ है कि उत्तर प्रदेश में सपा से नाराज दिख रहे मुस्लिमों वोटरों को अपनी तरफ करने के लिए पार्टी सपा पर अभी और हमलावर होगी।
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि, अगर अखिलेश सरकार नहीं चला सकते तो इस्तीफा दे दकना चाहिए। मुजज्जफरनगर में फैले दंगे में उत्तर प्रदेश की लापरवाही बताई जा रही है।
मुजज्जफरनगर हिंसा पर एक समाचार चैनल के स्टिंग ऑपरेशन से हुए सनसनीखेज खुलासे के बाद विधानसभा में विपक्षियों की मांग पर नियम 56 के तहत चर्चा हुई। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगे सोची-समझी रणनीति का नतीजा हैं। इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है।
इसी के साथ मुख्यमंत्री ने अपनी तरफ से सफाई देते हुए कहा कि कानून अपना काम करेगा। जिन लोगों ने दंगा फैलाया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार निष्पक्ष होकर काम करेगी। अखिलेश ने कहाए भाजपा दंगों को सांप्रदायिक रंग देकर लोकसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाना चाह रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दंगों से सिर्फ एक ही पार्टी लाभ लेने की जुगत में रहती है और इसकी क्या गारंटी है कि भाजपा भविष्य में ऐसे उपद्रव नहीं कराएगी।