रशीद मसूद को यह सजा 23 साल पहले त्रिपुरा के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीटों पर गलत तरीके से छात्रों को प्रवेश दिलाने को लेकर मिली है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री के रूप में रशीद ने गलत तरीके से सिफारिश की थी। यह मामला सन 1990 में वीपी सिंह की केंद्र की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के समय का है। रशीद को आपराधिक साजिशए धोखाधड़ीए जालसाजीए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने और भ्रष्टाचार के आरोप में सजा हुई है।
गौरतलब है किए रशीद मसूद पश्चिमी यूपी के अहम मुस्लिम में गिने जाते हैंए और इस दौरान उनका जेल भेजे जाने का फैसला उस समय आया है जब कांग्रेस पार्टी पश्चिमी यूपी के इस प्रभावी मुस्लिम नेता के बूते मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सपा के विरोध में उपजी मुस्लिमों की नाराजगी को भुनाने की तैयारी कर रही थी। कई प्रमुख मुस्लिम संगठन सपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर चुके हैं।
गौरतलब है किए सुप्रीम कोर्ट के तजा फैसले के अनुसार 2 साल से ज्यादा कि सजा का ऐलान होने के साथ ही जनप्रतिनिधि की सम्बंधित सदन से सदस्यता खत्म हो जाएगी।