पिछली लोकसभा में गुजरात के साबरकांठा से सांसद रह चुके मिस्त्री कांग्रेस में तेजी से उभरता संगठनात्मक चेहरा है जो पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ ही उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भी नजदीकी माने जाते हैं। यह भी संयोग ही है कि दोनों ही दलों ने पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के नेताओं के हाथ से प्रदेश का प्रभार लेकर गुजरात के नेताओं को सौंपा है।
नरेन्द्र मोदी के खास सिपहसालार अमित शाह से पहले भाजपा में U.P का प्रभार नरेन्द्र सिंह तोमर के पास था जो अब मध्य प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष हैं। प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे जिन्हें अब दक्षिण के सूबों का प्रभार दे भेजा गया है। बीते साल यूपी विधानसभा चुनाव में BJP को 47 सींटे मिली जबकि कांग्रेस के हाथ 28 सीटें ही लग पाई।
संसद में उत्तर प्रदेश का ही प्रतिनिधित्व कर रहे सोनिया और राहुल ने लोकसभा चुनाव की तैयारी में हुए इस अहम संबठनात्मक बदलाव में सूबे के नेताओं को कोई खास तरजीह नहीं दी। कांग्रेस अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में उनके सांसद प्रतिनिधी किशोरी लाल शर्मा के अलावा U.P में भूमिका रखने वाले किसी नेता को संगठन में कोई अहम पद नहीं दिया गया है। वैसे शर्मा भी मूलतः पंजाब से ही संबंध रखते हैं।