कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल लंबे समय बाद चर्चा में आए हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में कह दिया कि गीता में भी भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जिहाद की सीख दी थी। इसको लेकर भाजपा हमलावर हो गई है और कांग्रेस को हिंदू विरोधी बताते हुए जवाब मांग रही है। ऐसे समय में जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं और मंदिरों में भी जा रहे हैं, तब इस तरह का विवाद कांग्रेस के लिए नई मुश्किलें पैदा करने वाला है।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी अहमियत वे लोग नहीं समझ सकते, जिन्हें गीता में भी जिहाद का संदेश दिखता है। हालांकि इस बीच शिवराज पाटिल ने सफाई देते हुए उलटे मीडिया पर ही भड़क गए। एक पत्रकार से तो उन्होंने कहा कि तुम चुप रहो, तुमसे बात नहीं कर रहा। इसके बाद एक अन्य रिपोर्ट से उन्होंने कहा कि आप लोग जिहाद की बात कर रहे हैं। आप सोचिए कि क्या श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो संदेश दिया है, उसे आप जिहाद कहेंगे? नहीं कहेंगे। यही बात मैं भी कह रहा हूं।
गीता और बाइबल में भी कही थी जिहाद के संदेश की बात
गुरुवार को शिवराज पाटिल ने कहा था, ‘कहा जाता है कि इस्लाम धर्म के अंदर जिहाद की बहुत चर्चा है। जिहाद की बात तब आ जाती है, जब मन से कोई काम करने के बाद भी दूसरा व्यक्ति नहीं समझता। तब शक्ति के इस्तेमाल की बात कही जाती है। यह सिर्फ कुरान में ही नहीं है। महाभारत में भी जो गीता का भाग है, उसमें श्रीकृष्ण ने भी अर्जुन को जिहाद का ही संदेश दिया था। वह कहते हैं कि बाइबल में भी ऐसा ही जिक्र मिलता है।’ शिवराज पाटिल ने यह बयान गुरुवार को एक किताब के विमोचन के दौरान दिया था, लेकिन इससे कांग्रेस की मुश्किल बढ़ गई।
भाजपा बोली- वोटबैंक का प्रयोग, सीधे राहुल पर साधा निशान
शिवराज पाटिल यह भी कहते दिखते हैं कि जिहाद की बात ईसाइयों ने भी लिखी है। अगर सबकुछ समझने के बावजूद कोई हथियार लेकर आ रहा है, तो आप भाग नहीं सकते हैं। उसको आप जिहाद भी नहीं कह सकते है। ये तो नहीं होना चाहिए, हथियार लेकर समझाने की बात नहीं होनी चाहिए। शिवराज पाटिल के इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है और इसे ‘वोटबैंक का प्रयोग’ बताया है। उन्होंने अपना एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ‘हिंदुओं से ये नफ़रत संयोग नहीं बल्कि वोटबैंक का प्रयोग है। गुजरात चुनाव से पहले वोटबैंक का ध्रुवीकरण के लिए ये जानबूझकर किया गया है। इससे पहले ‘जनेऊधारी’ राहुल गांधी भी हिंदुत्व के बारे में काफ़ी कह चुके हैं।’