नई दिल्ली : पूर्वोत्तर में मोदी लहर साफ देखा जा रहा है। त्रिपुरा में BJP ने लेफ्ट के 25 साल के किले को ध्वस्त कर दिया है।मेघालय में एनपीपी के नेतृत्व में सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य के नए मुख्यमंत्री कोनराड संगमा होंगे
मेघालय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भले ही सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत मिली हो लेकिन वह सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी है। एनपीपी नेता कोनराड संगमा के नेतृत्व में एनपीपी- भाजपा गठबंधन ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। कोनराड संगमा मंगलवार (6 मार्च) सुबह 10.30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले देर रात मेघालय कांग्रेस के अध्यक्ष विंसेंट पाला और पार्टी महासचिव सीपी जोशी ने राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात की थी।
दरअसल, त्रिपुरा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है। बहरहाल इन सभी से ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि आखिर भाजपा की उत्तर पूर्व में कोई राजनीतिक जमीन न होने के बाद भी भाजपा को इतनी बड़ी सफलता कैसे मिल गई। इसके अलावा कभी कांग्रेस लगातार क्यों चूक रही है। त्रिपुरा में जहां भाजपा ने बीते 25 वर्षों की माणिक सरकार को उखाड़ फैंका है वहीं नगालैंड में कांग्रेस कहीं है ही नहीं। हां अलबत्ता मेघालय में कांग्रेस की सरकार जरूर है। लेकिन मौजूदा राजनीतिक समीकरणों के मद्देनजर भाजपा यहां पर भी अपनी सरकार बनाने जा रही है।
राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले कोनराड संगमा ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘गठबंधन की सरकार चलाना कभी आसान नहीं होता, लोगों को अच्छी सरकार देना हमारी प्राथमिकता होगी।’ वहीं असम के वित्त मंत्री और पूर्वोत्तर डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि राज्य में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा। उन्होंने कहा, प्रत्येक पार्टी के हर दो में से एक विधायक इस सरकार का हिस्सा होगा। भाजपा भी इस सरकार का हिस्सा रहेगी।’
ऐसी होगी सरकार में दलगत स्थिति
भाजपा-एनपीपी की इस गठबंधन की सरकार में यूडीपी के 6 विधायकों के अलावा एनपीपी के 19 विधायक, पीडीएफ के 4 विधायक, एचएसपीडीपी के 2 विधायक और एक निर्दलीय विधायक शामिल होंगे।
राज्यपाल को सौंपा दावेदारी पत्र
इससे पहले कांग्रेस की तरफ से सरकार बनाने की दावेदारी पेश करते हुए उन्हें लेटर सौंपा। लेटर में लिखा गया कि कांग्रेस पार्टी राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर बनकर उभरी है। इसलिए संवैधानिक नियमों के अनुसार कांग्रेस को जल्द से जल्द सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दिया जाना चाहिए। यह भी कहा गया है कि विधानसभा में तय दिन और समय के अनुसार पार्टी बहुमत सिद्ध कर देगी।
बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी ने काफी आक्रामक रुख में प्रचार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य में कई रैलियों को संबोधित किया। रैली के दौरान उनके निशाने पर सीधे माणिक सरकार थे। रैली में मोदी ने समझाया था कि त्रिपुरा को अब माणिक नहीं बल्कि हीरा की जरूरत है।