नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब अयोध्या में जल्द ही राम मंदिर का निर्माण श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति के साथ ही तारीख को अंतिम रूप देने के लिए अयोध्या में बैठक भी हुई। ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को आमंत्रण भेजने की पुष्टि की। इस बात की संभावना है कि कल की बैठक में मंदिर निर्माण की शुरुआत की तारीख को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तारीख तय करने को लेकर होने वाली बैठक में कल मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा भी उपस्थित होंगे। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के हिसाब से दी गई तारीख के बारे में अवगत कराएंगे।
इस बात की संभावना है कि राम मंदिर निर्माण शुरू होने के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौके पर मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, रामजन्मभूमि पर निर्माण अगस्त में शुरू होने की संभावना है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंदिर निर्माण समारोह को कई केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों के साथ मनाया जाना था, लेकिन COVID-19 के प्रसार के बाद इस सूची में सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ कुछ मंत्रियों और क्षेत्र के सांसदों के शामिल होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने कहा कि शिलान्यास का कार्यक्रम सिंह द्वार पर किया गया है, जो कि उचित समारोह नहीं था। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए गर्भगृह में भूमि पूजन किया जाएगा। यह मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत है, जिसके लिए निमंत्रण भेजे गए हैं।
भगवान राम की जन्मभूमि पर एक भव्य राम मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के लिए एक मुद्दा बन गया है, क्योंकि यह दो दशकों से पार्टी के घोषणापत्र में है। रामजन्मभूमि ट्रस्ट का गठन केंद्र सरकार ने पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद किया था।