कोरोना : लॉक डाउन में 50-60 परिवारों तक राहत पहुंचा रहा ये मुस्लिम परिवार

पटना, बिहार : कोरोना की इस त्रासदी में पूरा देश उन जरूरतमंदों के साथ खड़ा है, जिन्हें राहत की सबसे ज्यादा दरकार है। पटना का एक मुस्लिम परिवार भी कोरोना की इस त्रासदी में जरूरतमंदों की मदद के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहा है. ख़ास तौर पर यह परिवार हिंदू समाज के बीच राहत बांटने में जुटा है. पटना  के फुलवारी शरीफ के रहने वाले रेहानुद्दीन और आयशा तब्बुशुम हर रोज जरूरतमंदों के बीच राहत बांटते हैं। वह लोगों से ये अपील भी करते हैं कि आप सरकार के लॉकडाउन  के फैसले का ना सिर्फ अनुपालन करें, बल्कि साथ में सोशल डिस्टेंसिंग  का भी बखूबी ख्याल रखें।

भाईचारे के लिए एक बड़ा है संदेश

अपनी कोशिश को लेकर आयशा तब्बुशुम का कहना है कि हमारे देश की बुनियाद एकता और आपसी भाईचारे पर ही टिकी है। ऐसे में, रेहानुद्दीन और आएशा की यह छोटी सी कोशिश देश के लिए जितना बड़ा संदेश दे रहा है। उससे भी बड़ी बात है कि यह कोशिश दरअसल हमारे देश की गंगा-जमुनि तहज़ीब की एक मिसाल भी पेश कर रही है। जिसकी जरूरत आज सबसे ज्यादा हमारे देश को है। कोरोना की इस लड़ाई में हम तभी जीत हासिल कर सकते हैं जब हम सभी एकजुट हो।

हर रोज 50 से 60 परिवारों के बीच बंटती है राहत

गरीब और जरूरतमंद के बीच पहुंच कर आयशा और रेहान हर रोज अनाज के पैकेट बांटते हैं। आयशा कहती हैं कि वह अपने पति रेहान के साथ मिलकर हर रोज अपने घर में 100 पैकेट तैयार करती हैं और फिर जरूरतमंदों के बीच राहत बांटने के लिए निकल पड़ती हैं। उनका कहना है कि जब वो राहत का पैकेट बांटती हैं, तो सामने वाले से ये नहीं पूछती हैं कि वो किस जाति या धर्म का है। उनकी ये कोशिश जरूर होती है कि कोई भी जरूरतमंद इस राहत से वंचित ना रह पाए।

लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील

रेहानुद्दीन कहते हैं कि हम जरूरतमंदों के बीच राहत भी बांटते हैं और PM नरेंद्र मोदी की उस अपील को भी दुहराते हैं। हम लोगों से लगातार लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का सही तरह से पालन करने का अनुरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि आयशा एक गृहणी हैं। उन्‍होंने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट किया है। वहीं, उनके पति रेहानुद्दीन एक बिजनेसमैन हैं। इन दोनों की एक 11 महीने की बेटी भी है।  जब ये दोनों जरूरतमंदों के बीच राहत बांटने के लिए निकलते हैं तो अपनी मासूम को भी साथ में लेकर चलते हैं।