नई दिल्ली: झारखंड और जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। अभी तक मिले रुझानों और परिणामों के मुताबिक झारखंड में भाजपा अपने सहयोगी आजसू के साथ सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गई है। वहीं जम्मू-कश्मीर में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ख़बरों के मुताबिक वह यहां भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकती है।
झारखंड
अब तक के रुझानों के मुताबिक 81 सीटों वाले झारखंड में भाजपा पूर्ण बहुमत में आ गई हैं। सभी 81 सीटों के रुझानों में भाजपा 41+, झामुमो 18 कांग्रेस+ 7, जेवीएम+ 7 व अन्य 8 सीटों पर आगे चल रहे हैं।
राज्य में कई दिग्गज चुनाव हार गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जहां दुमका से चुनाव हारे, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व झाविपा प्रमुख बाबू लाल मरांडी को गिरीडीह और धनवार में हार का मुंह देखना पड़ा। इतना ही नहीं भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार माने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा खरसांवा से, आजसू प्रमुख सुदेश महतो सिल्ली से और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी चुनाव हार गए।
जिनको मिली जीत
बरहेट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जमेशदपुर पूर्व से भाजपा के रघुवर दास, रांची से भाजपा के सीपी सिंह, मनोहरपुर से झामुमो की जोबा मांझी, जामा से हेमंत सोरेन के भाई की पत्नी सीता सोरेन, चाईबासा से झामुमो के दीपक बरुआ, हजारीबाग से भाजपा के मनीष जायसवाल, धनबाद से भाजपा के राज सिन्हा, सिसई से भाजपा के दिनेश उरांव, हटिया से नवीन जायसवाल, महेशपुर से स्टीफन मरांडी। लोहरदगा में आजसू के कमल किशोर भगत जीते। जुगसलाई से आजसू प्रत्यातशी रामचन्द्रु सहिस जीते।
जिनको मिली हार
दुमका से हेमंत सोरेन, सिल्ली से पूर्व उपमुख्यमंत्री आजसू के सुदेश महतो, खरसांवा से पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा, मझगांव से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, चाईबासास से भाजपा के जेबी तुबिद, गिरीडीह व धनवार से झाविपा प्रमुख बाबू लाल मरांडी, जगन्नाथपुर से मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा। पूर्व मुख्य मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव हारे।
जम्मू-कश्मीर
इसी के साथ दूसरी ओर, 87 सीटों वाला जम्मू-कश्मीर त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ रहा है। यहां सभी 87 सीटों के रुझान में भाजपा 25, पीडीपी 30, कांग्रेस 11, नेशनल कांफ्रेंस 15 व अन्य 6 सीटों पर आगे चल रहे हैं।राज्य में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है तो भाजपा दूसरे नंबर पर है। एनसी व कांग्रेस क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर दिखाई पड़ रही है। यहां मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को सोनवार से हार का मुंह देखना पड़ा है लेकिन वह बीरवाह से अपनी इज्जत बचाने में कामयाब रहे और मात्र लगभग एक हजार वोटों से चुनाव जीते। यहां उपमुख्यमंत्री व छंब से कांग्रेस उम्मीदवार ताराचंद को भी हार झेलनी पड़ी।
जिनको मिली जीत
बीरवाह से एनसी के उमर अब्दुल्ला, हंदवाड़ा से पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन, अनंतनाग से पीडीपी के मुफ्ती मुहम्मद सईद, बिलावर से भाजपा के निर्मल सिंह, बनिहाल से कांग्रेस के विकर रसूल वानी, बारामूला से पीडीपी के जाविद हसन बेग, बीरवाह से कांग्रेस उम्मीदवार नजीर अहमद खान, बनी से भाजपा के जीवन लाल, रामबन से भाजपा के नीलम कुमार, बनिहाल से कांग्रेस के विकार रसूल, पुंछ हवेल से पीडीपी के शाह मोहम्मद तंत्रय, छंब से भाजपा के डॉ कृष्णलाल। वहीं, सोनवार से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और छंब से डिप्टी सीएम ताराचंद चुनाव हार गए हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भाजपा से गठजोड़ से इन्कार करते हुए कहा कि उन्हें जनादेश स्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कांग्रेस या किसी दूसरे दल के साथ भी हमारे गठजोड़ की कोई कवायद नहीं चल रही है। उमर ने माना कि मोदी रैली से जम्मू में भाजपा को लाभ मिला है। वहीं घाटी में हमें सरकार विरोधी लहर का सामना करना पड़ा है। दूसरी ओर पीडीपी के नेता सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने राज्य में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए कांग्रेस से बेहतर विकल्प भाजपा है।