गैंग रेप मामले में साकेत की फास्ट ट्रैक अदालत ने बचे चारों आरोपियों मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में चारों को पुलिस द्वारा लगाई गईं गैंग रेप और हत्या समेत सभी 13 धाराओं में दोषी करार देते हुए कहा कि इन लोगों ने एक असहाय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या जैसा जघन्य अपराध किया है। सजा पर बहस बुधवार को 11 बजे से शुरू होगी।
गौरतलब है कि, 16 दिसंबरए 2012 की सर्द रात लड़की अपने दोस्त के साथ ‘लाइफ ऑफ़ पाई’ फिल्म देखकर निकली थी और मुनिरका के इस बस स्टॉप पर लड़की अपने दोस्त के साथ बस का इंतजार कर रही थी। द्वारका की एक बस में दोनों सवार हुए। बस में सवार लोगों ने लड़के की बुरी तरह पिटाई की और लड़की के साथ रेप किया और बाद में बेसुध हालत में उसको उसके दोस्त के साथ सड़क पर फेंक दिया। आरोपियों ने सड़क पर फेंकने के बाद दोनों को कुचलकर मारने का भी प्लान बनाया था।
आसपास के लोगों ने उनकी हालत देखकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में लड़की को सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया और फिर आरोपियों की तलाश शुरू हो गई। मामले की तहकीकात के बाद बस के साथ उसका ड्राइवर और मुख्य आरोपी रामसिंह भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया और जब पूछताछ शुरू हुई तो उस काली रात के सारे राज खुलते चले गए।
अगले ही दिन पड़ोस में रहने वाले विनय शर्मा और पवन को भी पकड़ लिया गयाए जबकि आरोपी अक्षय ठाकुर को बिहार और रामसिंह के भाई मुकेश की राजस्थान से गिरफ्तारी में कुछ दिन और लगे। बाद में पुलिस ने आखिरी और छठे आरोपी को भी दबोच लिया, लेकिन वह नाबालिग निकला।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना इस मामले के चार आरोपियों मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर पर गैंगरेप, हत्या की कोशिश सहित कई धाराओं के तहत आरोप दर्ज हैं। इस मामले के एक आरोपी रामसिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी।
जबकि एक नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने 31 अगस्त को तीन वर्ष किशोर सुधार गृह में बिताने की सजा सुनाई है। हालांकि नाबालिग के खिलाफ न्यायालय के फैसले पर पीड़िता के परिवार वालों ने नाराजगी जाहिर की थी और नाबालिग को और सख्त सजा दिए जाने की इच्छा जाहिर की थी।
इसी के साथ इस मामले की तफ्तीश व आरोप पत्र तैयार करने वाले इंस्पेक्टर को पूरा भरोसा है कि कोर्ट इस केस को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ ( दुर्लभ ) मानते हुए सजा का ऐलान करेगी।