नई दिल्ली : यूपी में बीजेपी कि सरकार बनते ही बूचड़खानों और गौ हत्या पर जारी ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच गायों की संख्या स्थिर करने के लिए प्राधिकरण बनाने और गौ हत्या के मामले में मौत की सजा के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया गया है।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को राज्य सभा में गौ संरक्षण विधेयक, 2017 पेश किया। इस विधेयक में गायों की संख्या का स्थिरीकरण सुनिश्चित करने और गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए संविधान के अनुच्छेदों 37 और 48 का अनुपालन सुझाने के लिए एक प्राधिकरण बनाने का भी प्रावधान किया गया है।
वहीं, शिरोमणी अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने संसद विधेयक, उत्पादकता में वृद्धि 2017 पेश किया, इस विधेयक में संसद में व्यवधान के कारण आयी उत्पादकता में आयी कमी पर विधिक ढांचे के माध्यम से रोक लगाने और उसका समाधान खोजने की बात की गयी है। नरेश गुजराल के इस निजी विधेयक में एक साल में संसद के सत्रों के दिवसों की न्यूनतम संख्या तय करने, मौजूदा तीन सत्रों के अतिरिक्त विशेष सत्र शुरू करने, व्यवधान के दौरान बर्बाद समय की क्षतिपूर्ति किए जाने पर भी बल दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होता है। इसके तहत शुक्रवार को कुल छह निजी विधेयक पेश किए गए। स्वामी और गुजराल के अलावा राकांपा की वंदना चव्हाण, तृणमूल कांग्रेस के कंवर दीप सिंह, कांग्रेस के पलवई गोवर्धन रेड्डी और भाजपा के प्रभात झा ने भी एक एक निजी विधेयक पेश किए। वंदना चव्हाण ने शिक्षा संबंधी विशेष नि:शक्तता से ग्रस्त बालक (पहचान एवं शिक्षा में सहायता) विधेयक, 2016 पेश किया वहीं कंवर दीप सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विग्यान संस्थान संशोधन विधेयक, 2016 पेश किया। रेड्डी ने संविधान संशोधन विधेयक, 2016 दसवीं अनुसूची का संशोधन पेश किया वहीं प्रभात झा ने संविधान संशोधन विधेयक, 2017 अनुच्छेद 51का संशोधन पेश किया।