टाटा समूह के नए चेयरमैन साइरस पी मिस्त्री ग्लोबल व घरेलू सुस्ती से समूह को बचाने के लिए नई-नई रणनीति अपना रहे हैं। रतन टाटा से उलट न सिर्फ वे युवाओं को अपनी टीम में जगह दे रहे हैं बल्कि मुनाफे में तेजी लाने के लिए खर्च कटौती से भी उन्हें परहेज नहीं है। उनके आते ही देश के सबसे बड़े कारोबारी घराने की हवा अब बदलने लगी है। आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने की रणनीति के तहत उन्होंने समूह की सभी कंपनियों के सरईओ को निर्देश दिया है कि वे परिचालक खर्च में कटौती की मुनाफे को बढ़ाएं।
टाटा समूह के बोर्ड में शामिल एक निदेशक ने बताया कि बोर्ड की बैठक में रतन हंसी मजाक किया करते थे, जबकि साइरस ज्यादातर चुप रहते हैं। रतन केंद्रित होकर रणनीति बनाया करते थे। वहीं मिस्त्री की नजर नतीजों पर रहती है। साइरस के नए दिशानिर्देशों से सभी कंपनियों के सीएफओं समेत कारोबार प्रमुखों को अपना नजरिया बदलना होगा। उन्हें नई रणनीति बनानी होगी। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले टाटा केमिकल की बोर्ड बैठक में सभी अधिकारी विभिन्न आयामों पर चर्चा कर रहे थे। काफी देर से शांत बैठे साइरस ने आखिर में बस इतना कहा कि मजबूत होकर ही हम आगे बढ़ सकते हैं। वह एक ही बात पर यकीन करते हैं कि समूह की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के बाद ही आगे बढ़ने पर चर्चा करनी चाहिए।
रतन टाटा समूह के नेतृत्व में समूह पिछले दशक में अधिग्रहणों के साथ आगे बढ़ता रहा। समूह ने एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस और लग्जरी कार ब्रांड जगुआर एवं लैंडरोवर को अपने पोर्टफोलियों में शामिल किया है। इन पर टाटा समूह ने 15.3 अरब डाॅलर की भारी भरकम राशि खर्च की। इसके अलावा अरबों डॉलर इंजिनियरिंग कंपनियों, लग्जरी होटल और कॉफ़ी ब्रांड को मजबूत करने पर खर्च किया गया। इनकी बदौलत ही समूह सौ अरब डाॅलर कारोबार वाले समूह में तब्दील हो पाया। टाटा केमिकल्स ने 2004 से 2011 के बीच आठ कंपनियों में या तो निवेश किया या फिर उन्हें अधिग्रहित कर लिया। इतने बड़े समूह के मुखिया बन चुके साइरस की प्राथमिकता अब दुनियाभर में फैले कारोबार को और मजबूती देने की हैं।
मिस्त्री पांच महीने के कार्यकाल के दौरान इसी रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं। खर्चों में कटौती और बेकार पड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल की कोशिश इसी राह की ओर इशारा करती है। टाटा स्टील ने पिछले महीने ही कोरस के खर्चों में कटौती कर 1.6 अरब डॉलर बचाने की घोषणा की। इसके अलावा टाटा डोकोमा ने अपने अतिरिक्त स्पेक्ट्रम सरकार को वापस करने का भी फैसला किया है। सूमह के एक अन्य निदेशक ने बताया कि अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा पावर को भी इसी रणनीति पर आगे बढ़ने का निर्देश चेयरमैन ने दिया है। मलेशिया कर सस्ते किराये वाली एयरलाइन एयर एशिया के साथ गठजोड़ भी नई रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है कि टाटा समूह जल्द ही बैंक लाइसेंस के लिए भी आवेदन करेगा।