ये कैसा आज़ादी का आलम है जहाँ बिहार के सासाराम के बड्डी गांव में 15 अगस्त के दिन झंडा फहराने के लिए स्थान को लेकर दबंगों के साथ हुई झड़प में एक दलित की मौत हो गई और कई अन्य जख्मी हो गए। मृतक की पहचान विलास राम के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि यह झड़प विवादित जमीन पर तिरंगा फहराने को लेकर हुई थी।
सासाराम के बद्दी गांव में दलितों का संत रविदास मंदिर के सामने स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराना ऊंची जाति वालों को रास नहीं आया और इन लोगों ने पत्थर से मारकर एक दलित की हत्या कर दी। हमले में 40 लोग जख्मी हुए हैं, जिसमें 8 की हालत गंभीर बनी हुई है। इस मामले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सभी राजनीतिक दलों ने चुप्पी साध रखी है। यह गांव पटना से 160 किलोमीटर दूर है।
ऊँची जाती के 500 लोगों की भीड़ ने स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्शा। सड़कों पर दलित बच्चों पर हमले किए गये। जो बच्चे घरों में थे उन्हें छत से नीचे फेंक दिया गया। इसी के साथ पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने इस हमले की अनदेखी की। जख्मी लोगों में ज्यादातर बुजुर्गए बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। गंभीर रूप से जख्मी लोगों को पटना के पीएमसीएच हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है।
ऊँची जाती प्रभुत्व वाले बद्दी गांव में 15 दिन पहले से ही तनाव का माहौल बना हुआ था था। सूत्रों की माने तो गांव में ऊँची जाती के लोगों ने फैसला किया था कि स्वतंत्रता सेनानी निशांत सिंह की मूर्ति लगाई जाएगी और रविदास मंदिर प्रवेश द्वार के सामने जमीन पर तिरंगा फहराएंगे। इसी जगह पर 15 अगस्त के दिन दलित समुदाय के लोग तिरंगा लहराने गए थे, और इसी के बाद यहाँ खुनी 15 अगस्त मनाया गया।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस घटना की निंदा की है, मीरा ने शिवसागर थाना के बड्डी गांव में गत 15 अगस्त को दो गुटों के बीच हुए झगड़े में एक दलित की मौत की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि दोषियों को कड़ी सजा होनी चाहिए।
मीरा ने कहा कि पुलिस और प्रशासन को इसके लिए दोषी लोगों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए और इस तरह की घटना को रोकने के लिए सरकार को जरुरी कदम उठाने की भी आवश्यकता है। पुलिस ने इस मामले से सम्बंधित 11 लागों को गिरफ्तार किया है। गृह सचिव आमिर सुबहानी ने अपने दौरे के क्रम में इस मामले का स्पीडी ट्रायल कराए जाने की बात कही है।