इस केस में सलमान पर आईपीसी की धारा 304 (2) के तहत गैर-इरादतन हत्या का आरोप तय किया गया है। इसके अलावा धारा 337 (लोगों को जख्मी करना) 379 (लापरवाही) और धारा 338, 427 के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले कई सालों तक सलमान के ऊपर लापरवाही (आईपीसी की धारा 304) का मामला मुंबई के बांद्रा कोर्ट में चलाए लेकिन सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने सलमान के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला चलाने का आदेश दिया गया।
सुनवाई के दौरान सलमान खान ने खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश की। जज ने उनसे पूछा कि क्यार वे खुद को इस मामले में दोषी मानते हैं तो उन्होंयने कहाए श्मैं निर्दोष हूं। कोर्ट ने सलमान खान को थोड़ी राहत देते हुए उन्हें ट्रायल के दौरान पेशी से छूट भी दे दी। लेकिन जज ने कहा है कि जब जरूरी होगा तब उन्हें कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।
दरअसल, सलमान ने निचली अदालत के जज के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिन्होंने इसे हत्या नहीं बल्कि सदोष मानवहत्या का कठोर मामला मानते हुए दोबारा सुनवाई के आदेश दिए थे। इस मामले पर बहस मई में पूरी हो गई थी और सलमान के वकील अशोक मुंडार्गी ने निचली अदालत के आदेश को भ्रामक और कानून के मुताबिक गलत और दर्ज सुबूत के खिलाफ बताया था।
ग़ौरतलब है कि करीब 11 साल पहले 28 सितंबर 2002 की रात मुंबई के बांद्रा इलाके में अमेरिकन बेकरी के सामने सलमान खान की तेज रफ्तार लैंड क्रूजर कार फुटपाथ पर जा चढ़ी थी। इस हादसे में कार की टक्कर लगने से एक आदमी की मौत हो गई थी और 4 लोग जख्मी हुए थे। आरोप है कि हादसे के वक़्त सलमान ही गाड़ी चला रहे थे।