सोशियोलॉजी सब्जेक्ट के अध्यापक बने ये कैदी पहले इसे कैदी थे जो इस सत्तर की परीक्षा दे रहे थे। परीक्षा में पास होने वालों इन कैदियों में से तीन कैदियों को सजा ए मौत की सजा सुनाई गई है । दरअसल इग्नू की योजना है कि जेल में जो कैदी एमए कर चुके हैंए उन्हें जेल में ही चलने वाली ठ। की कक्षा में बतौर अध्यापक भेजा जाए। ऐसे में एक पुरुष और दो महिलाओं को उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही अध्यापक बनने का भी अवसर प्राप्त होगा ।
नागपुर और अमरावती की जेलों की ये सच्ची बात है। यहां इग्नू ने साल 2010 में दो विशेष स्टडी सेंटर शुरू किये। इसमें कुल 414 कैदियों ने नाम अपना नाम लिखवाया। अब परिणाम आया तो सभी को बहुत ख़ुशी है । इग्नू के रीजनल डायरेक्टर शिवस्वरूप का कहना है कि ड। करने वाले कैदियों की सजा भी एक महीने कम कर दी जाती है। जिससे की वे पढ़ लिखकर वह जल्दी ही अपने घर वापस जा सकें।