इससे पहले 2011 में सरकार ने रक्षा खरीद नीति में संशोधन किया था। उल्लेखनीय है कि हेलिकॉप्टर सौदे में घोटाले के बाद रक्षा खरीद प्रक्रिया पर व्यापक सवाल उठाये गए थे। करीब 36 सौ करोड़ रूपये की दलाली देने के आरोप हैं और इसमें मार्शल एस. पी. त्यागी का नाम भी शामिल किया गया है।
ए. के. एंटोनी का यह कहना है कि सरकार को रक्षा साजसामान का आयात इसलिये करना होता है क्योंकि सेनाओं के आग्रह और भारी जरूरत बताए जाने के बाद ही सरकार विदेशों से इनके आयात के कदम उठाती है। एंटोनीका यह भी कहना है कि सरकार हथियारों के स्वदेशी उत्पादन पर अधिक जोर देगी। इसके लिए देश के पब्लिक और प्राइवेट सेक्टरों को इसमें बड़ी भूमिका निभानी पड़ेगी। एंटोनी ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि हेलिकॉप्टर घोटाले की जांच का असर दूसरे रक्षा सौदों पर कितना पड़ेंगा।