नई दिल्ली: दिल्ली में बेटे अमन द्वारा पिता संदेश अग्रवाल की हत्या कर शव के 50 टुकड़े करने के मामले ने ठीक 8 साल पहले वर्ष 2010 में हुए देहरादून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड की याद दिला दी है। दिल्ली के मामले में जहां अमन ने पहले पिता संदेश अग्रवाल को मारा फिर पुलिस से बचने के लिए शव के 50 टुकड़े किए फिर उन्हें 4 बैग में भरकर ठिकाने लगाने जा रहा था, तभी पुलिस ने धर दबोचा। इससे मिलता-जुलता देहरादून का अनुपमा गुलाटी हत्याकांड भी है।
दरअसल, देहरादून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जिसमें पति राजेश गुलाटी ने पत्नी अनुपमा की हत्या के बाद उसके शरीर के 72 टुकड़े किए थे। दोनों ही मामलों में हत्या के बाद शव के टुकड़े करने का मकसद अपना अपराध छिपाना था।
मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली अनुपमा की हत्या के तकरीबन 2 महीने बाद यानी 12 दिसंबर 2010 को देहरादून के कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में यह वारदात सामने आई थी। इसमें मूलरूप से दिल्ली के ही रहने वाले सत्य निकेतन इलाके के निवासी राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्या कर दी थी।
झगड़ा होने पर राजेश ने अनुपमा का मार डाला
राजेश के मुताबिक, 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा से झगड़ा होने के बाद उसने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। इसके बाद स्टोन कटर और आरी से शव के 72 टुकड़े कर डाले। शव के टुकड़ों को उसने घर के अंदर डीप फ्रीजर में दो महीने तक छिपाए रखा। दिल दहला देने वाली इस वारदात को देहरादून (उत्तराखंड) के लोग डीप फ्रीजर कांड के नाम से भी जानते हैं।
जानिये, कैसे हुआ मर्डर का खुलासा
दरअसल, देहरादून में राजेश के साथ पत्नी अनुपमा गुलाटी और दो बच्चे भी रहते थे, जबकि अनुपमा का मायका दिल्ली के नेताजी नगर में था। ससुराल में रहने के दौरान अनुपमा की अक्सर दिल्ली में अपने मां-बाप से बातचीत हो जाया करती थी। इस बीच 17 अक्टूबर, 2010 के बाद जब मायके पक्ष का इस दौरान अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ, तो उन्हें अपनी बेटी की चिंता होने लगी।
यही वजह थी कि 11 दिसंबर, 2010 को अनुपमा का भाई सिद्धांत प्रधान बहन के प्रकाश नगर स्थित घर पहुंचा। वह हैरान इस बात को लेकर हुआ कि लेकिन राजेश ने उसे घर में ही नहीं घुसने दिया। इसके बाद अनुपमा के भाई ने पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस ने जब घर की तलाशी ली, तो डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी की लाश के टुकड़े मिले।
चार महीने की जांच के बाद 10 मार्च 2011 को पुलिस ने हत्या के आरोपी राजेश गुलाटी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। लगातार कई सालों तक चले मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त राजेश गुलाटी को पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या का दोषी करार दिया। देहरादून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में सात साल बाद दोषी करार दिए गए राजेश गुलाटी को उम्रकैद की सजा सुनाई।