पटना : गुरुवार को बिहार में एक दर्दनाक हादसा हुआ यहां 57 यात्रियों से भरी बस में बीच सड़क पर आग लग गई है। इस घटना में 12 यात्रियों के मारे जाने की खबर है। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा तफरी का महौल है। घटना NH – 28 की है। बता दें कि मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही थी।
मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही यात्री बस (यूपी 75 एटी 2313) पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी के निकट कोटवा में बाइक सवार को बचाने के क्रम में दुर्घटनाग्रस्त होकर 15 फीट गड्ढे में जा गिरी। इसके उपरांत बस में आग लग गई। दुर्घटना में घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में कराया जा रहा है। तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त एचआर श्रीनिवासन ने कहा कि बस में अभी तक मानव शरीर का अवशेष नहीं मिला है। घटना पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सीएम नीतीश कुमार ने दुख जताया है।
उधर, मुजफ्फरपुर स्थित बैरिया बस स्टैंड में बस बुकिंग सेंटर के कर्मचारी घटना की सूचना मिलते ही फरार हो गए। हालांकि, अहियापुर पुलिस एक कर्मचारी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहां से बुकिंग रजिस्टर व बुक टिकट भी जब्त कर लिया है।
मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही थी बस मिली जानकारी के मुताबिक साहिल बस सर्विस की बस मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्टैंड से दिल्ली के लिए खुली थी। बस में 50 यात्रियों के सवार होने की जगह थी। बस मालिक संतोष कुमार दुर्घटना के बाद से फरार है। बताया जा रहा है कि फर्जी नंबर लेकर बस का परिचालन किया जा रहा था।
घायल यात्रियों ने बताया कि बैरिया बस स्टैंड से बस दोपहर सवा दो बजे खुली थी। अपराह्न करीब चार बजे जैसे ही बस कोटवा पहुंची कि एक बाइक सवार तेजी सामने आ गया। उसे बचाने के चक्कर में बस चालक ने अचानक ब्रेक लगाई और नियंत्रण खो दिया। बस सड़क किनारे 15 फीट गड्ढे में जा गिरी और उसमें आग लग गई।
देखते ही देखते आग की लपटें तेज हो गईं और बस को आगोश में ले लिया। यात्रियों ने खिड़की का शीशा तोड़कर जान बचाई, लेकिन वे भी गंभीर रूप से झुलस गए। तत्काल स्थानीय लोग बचाव के लिए आए, लेकिन आग की तेज लपट के कारण सफल नहीं हो सके। कुछ ही देर में बस जलकर राख हो गई।
प्रशासन के अनुसार दुर्घटना में किसी की मौत नहीं हुई है। मोतिहारी ( पूर्वी चंपारण) के जिलाधिकारी रमण कुमार के अनुसार किसी यात्री का शव नहीं मिला है। अभी बचाव कार्य चल रहा है। आठ घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर अभी भी तलाशी जारी है। उधर, आइजी सुनील कुमार ने कहा कि बस पूरी तरह जल चुकी थी। कोई शव नहीं मिला, लेकिन एफएसएल की टीम द्वारा जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
विदित हो कि घटना में पहले 27 लोगों के जिंदा जल जाने की बात आई, फिर एक दर्जन लोगाें के मरने की बात कही गई। इसके बाद सात, फिर पांच यात्रियों के जलकर मरने की बात कही गई। अब कहा जा रहा है कि बस में मानव शरीर के जले अवशेष मिले ही नहीं हैं। हालांकि, निश्चित तौर पर फोरेंसिक जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
बस का हो रहा था अवैध परिचालन
बिहार राज्य ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा कि मुजफ्फरपुर से दिल्ली के लिए बस का अवैध परिचालन किया जा रहा था। इसपर रोक लगाने की मांग परिवहन विभाग से की गई थी। सभी डीटीओ को भी पत्र लिखा गया था। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई और यह हादसा हो गया। तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने भी बस परिचालन को अवैध बताया है।