पिछले साल 16 दिसंबर की रात हुई जिस दरिंदगी ने पूरे देश में गुस्से और आक्रोश पैदा किया उसमें छह आरोपियों में से एक नाबालिग आरोपी पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आज सुनाया जाने वाला फैसला 25 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। फैसले को सीलबंद लिफाफे में रख दिया गया है, लेकिन इसी के साथ दायर किए गए एक लूटपाट के मामले में आरोपी को दोषी करार दे दिया गया है।
पैरा.मेडिकल की 23-वर्षीय छात्रा के साथ एक चलती बस में गैंगरेप करने के इस मामले में इस नाबालिग को भी आरोपी बनाया गया था, और उसके खिलाफ
सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में चल रही थी। मार्च में पुलिस की चार्जशीट के बाद आरोपी के खिलाफ मामला शुरू हुआ था, और कुछ ही दिन पहले बोर्ड ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि पांचों वयस्क आरोपियों के अलावा इस नाबालिग ने न केवल लड़की से बलात्कार किया थाए बल्कि वह शेष सभी आरोपियों की तुलना में ज़्यादा हिंसक था। वैसेए पुलिस ने सभी आरोपियों पर सामूहिक बलात्कार करनेए हत्या करनेए आपराधिक षडयंत्र रचने, अप्राकृतिक यौनाचार करने और लूटपाट करने के आरोप लगाए हैं।
इस केस में नाबालिग सहित कुछ छह आरोपी हैं। दूसरे चार आरोपियों का मुकदमा दिल्ली साकेत कोर्ट में चल रहा है। एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
इस गैंगरेप कि दरिंदगी में नाबालिग कहे जाने वाला ही सबसे बड़ा हैवान माना जा रहा है। नाबालिग आरोपी पर पीड़ित से दो बार रेप करने का आरोप है। आरोप है कि इस नाबालिग ने बेहोशी की हालत में लड़की से दूसरी बार रेप किया। लेकिन इस आरोपी को उसके गुनाहों के हिसाब से सजा नहीं मिल पाएगीए क्योंकि उसकी उम्र आड़े आ गई है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस नाबालिग ने ही लड़की को बस में बुलाया था। सिर्फ इतना ही नहीं इसी ने पीड़ित और उसके दोस्त को बस से फेंकने के लिए कहा था। इसके अलावाए पीड़ित लड़की के दोस्त ने पुलिस को बताया था कि लड़की पर लोहे की रॉड से हमला करने में यही नाबालिग आरोपी सबसे आगे आया था। गैंगरेप की शिकार लड़की का दोस्त भी दिल्ली पुलिस के दावों की तस्दीक कर चुका है। सजा देते वक्त लड़की के दोस्त की गवाही पर भी अदालत गौर करेगी।
यह आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और 11 साल पहले दिल्ली आया था। यहां छोटा-मोटा काम कर अपना गुजारा कर रहा था। पुलिस के मुताबिक घटना वाले दिन यह आरोपी भी बस में मौजूद था। इस केस में दायर चार्जशीट में पुलिस ने इसी आरोपी पर सबसे ज्यादा बर्बर होने का आरोप लगाया। चार्जशीट के 33 पन्नों में पुलिस ने गैंगरेप में इस नाबालिग आरोपी के रोल को ही बयां किया।
सबसे घिनौनी करतूत करने वाले को जुवेनाइल बोर्ड भी नाबालिग मान चुका है। घटना के वक्त उसकी उम्र 17 सालए 6 महीने बारह दिन थी। कानून की इस मजबूरी से नाबालिग आरोपी को मोहलत मिलेगी। जो भी सजा होगीए वह उसे जेल की बजाय बाल सुधार गृह में काटनी होगी।