नई दिल्ली: देश में मैगी नूडल्स पर बवाल बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में सेहत की कसौटी पर नाकाम पाई गई मैगी नूडल्स की बिक्री पर दिल्ली सरकार ने तत्काल प्रभाव से 15 दिन की रोक लगा दी है खराब गुणवत्ता को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दिया है। इसकी घोषणा करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन कहा कि नेस्ले की तरफ से दी गई सफाई से दिल्ली सरकार संतुष्ट नहीं है, और हमें यह फैसला करना पड़ा। दिल्ली में मैगी पर प्रतिबंध आज से ही प्रभावी होगा।
इसके साथ ही 15 दिनों के अंदर मैगी का पुराना स्टॉक हटाने को भी कहा गया है। मैगी के नए स्टॉक के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। इससे पहले दिल्ली सरकार ने सभी केंद्रीय भंडारों पर मैगी नूडल्स की बिक्री पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा बिग बाजार ने भी अपने सभी आउटलेट्स पर फिलहाल मैगी नहीं बेचने का फैसला किया है।
मालूम हो कि बिहार की एक अदालत ने मंगलवार को मैगी ब्रांड के एंबेसेडर अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। इनके अलावा अन्य राज्यों में भी नेस्ले इंडिया को मुश्किल का सामना करना पड रहा है।
दिल्ली में भी फेल हुआ मैगी नूडल्स
मंगलवार को दिल्ली में मैगी नूडल्स के जांच में फेल हो जाने के बाद आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने मैगी और नेस्ले के अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया। बैठक में दिल्ली में मैगी पर बैन को लेकर फैसला लिया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से मिलने के लिए मैगी के अधिकारी उनके दफ्तर पहुंच गए हैं। आज दिल्ली सरकार इस मामले में कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
हरियाणा में मैगी की जांच के आदेश
हरियाणा सरकार भी इसकी गुणवत्ता परखने के लिए प्रदेश भर से सैंपल उठाएगी। हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हमने राज्य भर से मैगी नूडल्स के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाने का आदेश दिया है। विज ने राज्य के स्वास्थ्य निदेशक से कहा है कि वे सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बाजार से सैंपल लेने के आदेश दें। विज ने कहा कि हमारे राज्य में भी जांच के लिए अच्छे लैब हैं। पर अगर जरूर हुई तो सैंपल को जांच के लिए बाहर भी भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई तो बाजार से मैगी का पूरा स्टाक उठवा लिया जाएगा।
गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी जांच
हरियाणा के बाद गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी मैगी नूडल्स के जांच के आदेश दिये गए हैं। यहां भी दुकानों पर छापेमारी कर सैंपल जमा किये जा रहे हैं।
केरल की खुदरा दुकानों से हटेंगे उत्पाद
मैगी नूडल्स के दुष्प्रभावों से लोगों को बचाने के लिए केरल सरकार प्रदेश की सभी खुदरा दुकानों से इसे हटा देगी। इस दौरान सरकार के नियंत्रण वाले प्रदेश के करीब 1400 खुदरा केंद्रों से इसे पूरी तरह हटाया जाएगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब के कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है।
शीशा और मोनो सोडियम ग्लूकामेट की मात्रा पाई गई ज्यादा
मैगी नूडल्स उस वक्त जांच के दायरे में आ गया जब मई के महीने में उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कंपनी से पूछा कि आपने फरवरी 2014 में बनी नूडल्स के बैच को वापस क्यों ले लिया। जब इस नूडल्स के जांच किये गए तो इसमें शीशा और मोनो सोडियम ग्लूकामेट जैसे खतरनाक तत्व पाये गए। ये बच्चों में मैगी खाने की तलब पैदा करता है। मैगी में मोनो सोडियम ग्लूकामेट की मात्रा तय मानक से ज्यादा पाया गया है। इसके बाद पूरे देश में बहुराष्ट्रीय कंपनी नेस्ले के ‘मैगी’ नूडल्स के सैंपल्स की इक्कट्ठा कर उनकी जांच की जा रही है।
एक तरफ जहाँ नेस्ले इंडिया की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक और जहाँ मैगी में लेड की मात्रा अधिक पाए जाने की खबरें पहले से थीं, वहीँ दूसरी और एक मीडिया रिपोर्ट में नया खुलासा किया गया है। तमिलनाडु के एक टैक्सी ड्राइवर अनंत ने शिकायत की है कि कंपनी के नैन प्रो 3 मिल्क पाउडर के पैक में उन्हें लार्वा (कीड़े) मिले हैं। इसके बाद उन्होंने राज्य के फूड सेफ्टी विंग में इसकी शिकायत की। कोयंबटूर की फूड अनैलिसिस लैबरेट्री को सैंपल भेजे गए और इनमें 28 जिंदा लार्वा और 22 राइस वीवल्स (चावल में मिलने वाले कीड़े) मौजूद होने की बात साबित हुई।
अनंत यह बेबी मिल्क अपने 18 माह के जुड़वां बच्चों के लिए लाए थे। एक बच्चे को वह यह दूध पिला चुके थे और दूसरे को पिलाने जा रहे थे कि उन्हें लार्वा दिख गए। दूध पिलाने के दो दिन बाद बच्चे में स्किन एलर्जी शुरू हो गई, जिसके बाद उसे बाल हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाना पड़ा।
इसी के साथ लोकप्रिय नूडल ब्रांड मैगी के सुरक्षा मानकों से जुडे विवाद के चलते नेस्ले इंडिया के शेयर में बुधवार को 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। वहीँ मुंबई शेयर बाजार में कंपनी का शेयर 10.10 प्रतिशत गिरकर 6,119.40 रुपए रह गया। जबकि एनएसई में यह 10.2 प्रतिशत गिरकर 6,109 रुपए रह गया।