नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिखाए जा रहे ढुलमुल रवैये पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। केंद्र सरकार के सभी मंत्री दिल्ली में बैठते हैं फिर भी वुमन सेफ्टी पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। इसे लेकर ना तो पिछली सरकार और ना ही मौजूदा सरकार गंभीर नजर आती है। कोर्ट ने पाया कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर न ही पिछली सरकार और न ही मौजूदा सरकार गंभीर नजर आती है।
निर्भया गैंगरेप के बाद माहिलाओं की दिल्ली में सुरक्षा को लेकर लगाई गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ये बात कही।
कोर्ट ने कहा ‘ऐसा लगता है जैसे केंद्र सरकार की न ही दिल्ली में CCTV कैमरे लगाने में और न ही दिल्ली पुलिस में नई भर्तियां करने में कोई दिलचस्पी है। हालत ये है कि देश की राजधानी में महिलाएं 7 बजे के बाद अकेले सेफ नहीं हैं। दिल्ली के लोगों और वुमन सिक्युरिटी को लेकर केंद्र को कोई फिक्र ही नहीं है।’ कोर्ट ने ये बातें वुमन सिक्युरिटी और सेफ्टी की एक पिटिशन पर सुनवाई करते हुए कहीं। ये पिटिशन निर्भया रेप केस के बाद डाली गई थी।
कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय(MHA) दिल्ली पुलिस मे नई 14 हजार भर्तियों की मंजूरी दे चुकी है लेकिन Expenditure dept ने ये कहकर अडंगा लगा दिया है की सरकार के पास इतना पैसा खर्च करने के लिए नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है की MHA की मंजूरी के बाद भी दूसरा विभाग भर्ती पर रोक लगा दे।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के सभी मंत्री दिल्ली में ही बैठते हैं, फिर भी इसपर कोई ध्यान नहीं देता। कोर्ट ने कहा, ‘दिल्ली में ही सभी नेताओं के बेठने के बाद भी दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है केंद्र सरकार।
हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को महिलाओं की दिल्ली में सुरक्षा को लेकर कोर्ट के उन आदेशों की संक्षेप में जानकारी देने को कहा है जिनका पालन अभी तक केंद्र सरकार ने नहीं किया है।