नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना द्वरा मंगलवार सुबह पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर किए गए हमले के मद्देनजर राजधानी दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खासतौर से एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, मेट्रो, भीड़भाड़ वाले स्थानो और ऐतिहासिक व धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हालात यह कि राजधानी के कई स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
भारतीय वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई के बाद दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर चाक-चौबंद बनाए रखने और किसी भी हालत से निपटने के लिए सुरक्षा तैयारियों को लेकर पुलिस मुख्यालय में पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में एक बैठक की गई। बैठक में संदिग्धों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए। सभी जिला पुलिस के डीसीपी को अपने-अपने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पर खुद ही नजर रखने को कहा गया है।
10 दिन की तैयारी और जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा साफ, 350 दहशतगर्दों के मारे जाने की खबर
अर्द्धसैनिक बलों की हुई तैनाती
सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए दिल्ली पुलिस की रिजर्व बटालियन की तैनाती तो की ही गई है। साथ ही राजधानी के कई इलाकों में अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है। जगह-जगह बैरिकेड लगाकर संदिग्धों की जांच-पड़ताल की जा रही है। इसके अलावा सड़कों पर गश्त भी बढ़ाई गई है। खासतौर से भीड़भाड़ वाले बाजार, मॉल व सिनेमाघरों में सुरक्षा को लेकर विशेष चौकसी बरती जा रही है।
PULWAMA TERROR ATTACK: मुशर्रफ ने कहा- तो भारत 20 बम गिरा कर पाकिस्तान को मटियामेट कर देगा
जगह-जगह ‘पराक्रम’ वाहनों की तैनाती
सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाने के लिए राजधनी के विभिन्न स्थानों पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस कमांडो दस्ते को बुलटप्रूफ पराक्रम वाहनों के साथ जगह-जगह तैनात किया गया है। प्रत्येक ‘पराक्रम’ वाहनों में चार कमांडो तैनात हैं। हर टीम के पास अत्याधुनिक कैमरे, हथियार, एंटी बैलिस्टिक ग्लास सहित तमाम आधुनिक सुरक्षा उपकरण व हथियार मौजूद हैं। सभी कमांडो को ‘नी गार्ड’ और ‘हैंड गार्ड’ भी दिए गए हैं, ताकि वे किसी आपातकालीन स्थिति में जमीन पर लेटकर भी निशाना लगा सकें। इन वाहनों की तैनाती राजधानी के संवेदनशील इलाकों में की गई है।
जानिये Surgical Strike 2 की ख़ास बाते, आतंकी ठिकानों पर गिरी गाज से बिलबिलाया पाकिस्तान
ड्रोनरोधी तकनीक व 4 हेलिकॉप्टर से भी नजर
वहीं राजधानी में किसी भी तरह के हवाई हमले जैसे हालात से निपटने के लिए ड्रोनरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही सेना के हेलिकॉप्टर के जरिये भी आकाश मार्ग से कड़ा पहरा रखा जा रहा है। वहीं कुछ उंची इमारतों पर रूफटॉप दस्ते को भी अत्याधुनिक हथियारों व दूरबीन से लैस कर तैनात किया गया है।