नई दिल्ली : दिल्ली दंगा मामलों की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक विशेष अदालत ने इस केस में पहली सजा सुनाते हुए गुरुवार को 73 वर्षीय महिला का घर जलाने के मामले में दीपक यादव को पांच साल की सजा सुनाया। इससे पहले जुलाई में एक शख्स को कोर्ट ने बरी कर दिया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल्ली दंगों के मामले में किसी को भी जेल की यह पहली सजा है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने आरोपी को जेल की सजा सुनाई।
पिछले महीने अदालत ने दिनेश यादव को धारा 143 (गैरकानूनी सभा का सदस्य), 147 (दंगा करने की सजा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा), 457 (घर में अतिचार), 392 (डकैती), 436 के तहत दोषी ठहराया था। आगजनी) आईपीसी की धारा 149 (गैरकानूनी सभा के सदस्य को एक सामान्य अपराध का दोषी) के साथ पढ़ा था।
उन्हें एक गैरकानूनी सभा का सदस्य होने और दंगा करने और लूट में भाग लेने के लिए दोषी ठहराया गया था। उन्हें एक बुजुर्ग महिला मनोरी के घर को जलाने के लिए भी दोषी ठहराया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यादव को उनके द्वारा 8 जून, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि अभियोजन पक्ष के मामले को साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।
कोर्ट ने पिछले साल 3 अगस्त को यादव के खिलाफ आरोप तय किए थे। मुकदमे के दौरान यादव ने दोषी नहीं होने का अनुरोध किया था और बेगुनाही का दावा किया था।
फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए थे जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे।