पिछले साल पुरे देश और दुनिया को झकझोर कर रख देने वाले 16 दिसंबर को दिल्ली में चलती बस में हुए गैंगरेप के मामले में सभी को अदालत में चल रहे मुकदमें में फैसले का बेसब्री से जिस दिन का इन्तजार था आज वो इन्तजार ख़तम हुआए 1200 पन्नों की
चार्जशीटए 86 गवाहियां और 243 दिनों की सुनवाई के बाद आखिरकार वह फैसला आ गया जिसका इंतजार पूरे देश को था। सामूहिक बलात्कार के चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।
आज ज्योति सिंह पांडे के हत्यारे चारों दरिंदों मुकेश शर्मा, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को दिल्ली की साकेत अदालत ने फांसी की सजा का ऐलान कर दिया है। अदालत ने मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ श्रेणी में रखते हुए यह फैसला सुनाया। इस मामले में दो गवाहियां बेहद अहम रहीं। एक खुद ज्योति की और दूसरी उसके दोस्त और घटना के एकमात्र चश्मदीद अवनींद्र पांडेय की।
एडिशनल सेशन जज योगेश खन्ना ने साकेत अदालत के कमरा नंबर 304 में सजा सुनाई। इससे पहले मंगलवार को ही चारों दोषियों को 13 धाराओं में दोषी करार दिया था। बुधवार को सजा पर बहस के बाद फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया गया था। मामले के नाबालिग आरोपी को तीन साल की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि एक अन्य आरोपी राम सिंह तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर चुका है।
अदालत के दोषियों को दिए गये फ़ासी के फैसले पर ज्योति के मां और पिता ने खुशी जताई थी। साथ ही यह भी कहा था कि फांसी से कम कोई भी सजा उनके जख्म नहीं भर सकती। फैसला सुनाए जाने से पहले और बाद में भी देश भर में दरिंदों को फांसी की मांग करते हुए प्रदर्शन हुए थे।
गौरतलब है किए 16 दिसंबरए 2012 की सर्द रात ज्योति अपने दोस्त के साथ ‘लाइफ ऑफ़ पाई’ फिल्म देखकर निकली थी और मुनिरका के इस बस स्टॉप पर ज्योति अपने दोस्त के साथ बस का इंतजार कर रही थी। द्वारका की एक बस में दोनों सवार हुए। बस में सवार लोगों ने लड़के की बुरी तरह पिटाई की और ज्योति के साथ रेप किया और बाद में बेसुध हालत में उसको उसके दोस्त के साथ सड़क पर फेंक दिया। आरोपियों ने सड़क पर फेंकने के बाद दोनों को कुचलकर मारने का भी प्लान बनाया था। ज्योति ने 13 दिन तक अस्पताल में मौत से संघर्ष करते हुए सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया था।