नई दिल्ली: दिल्ली में कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल की मांग को लेकर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के 15 हजार से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से ओपीडी सेवा ठप रहेगी। इस कारण सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार, नगर निगम और दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों के करीब 15 हजार रेजिडेंट्स डॉक्टर्स हड़ताल पर होंगे और राजधानी की हेल्थ सेवाएं चरमरा सकती है। हड़ताल पर जाने का फैसला करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों, तीमारदारों के अलावा, डॉक्टर तक असुविधाओं से जूझ रहे हैं। हड़ताल पर जाने की सबसे बड़ी वजह यही है।
डॉक्टरों की शिकायत है कि दिल्ली के आधे से अधिक सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए मशीनें व दवाइयां ही नहीं हैं।
मरीजों व तीमारदारों की बात करें, तो इन अस्पतालों में पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है। साफ-सफाई का भी बुरा हाल है। इन सब असुविधाओं के लिए मरीज व तीमारदार डॉक्टरों को दोषी मानते हुए मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
पिछले दिनों डॉक्टरों की एसोसिशन ने शिकायती पत्र के जरिये कहा था कि पिछले पांच महीने से लिखित में मांगों का ज्ञापन दे दिया जा रहा है। इसी के साथ एसोसिएशन ने 22 जून से हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी थी।