बलात्कारी बाबा का बवाल : जानिए, सब पहले से जानते हुए भी प्रशासन ने कैसे दिखाई लापरवाई

नई दिल्ली : डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्‍वी से रेप का दोषी करार द‍िया गया है। केस में सीबीआई कोर्ट का फैसला आने के बाद रहीम के समर्थक हिंसक हो गए हैं।  आपको बता दें कि हिंसा की आग हर‍ियाणा, पंजाब, यूपी , उत्तराखंड, द‍िल्‍ली, राजस्थान  तक पहुंच गई है। इन राज्‍यों में डेरा समर्थक जहां-तहां बसों, रेलवे स्‍टेशनों व अन्‍य सरकारी संपत्ति‍यों को जला रहे हैं। ह‍िंसा में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की जानें गई और 350 से ज्‍यादा घायल हैं।

 

डेरा समर्थकों ने सबसे पहले सीबीआई कोर्ट के आसपास ही मीडिया कर्मचारियों और उनकी गाडिय़ों को निशाना बनाया। मीडिया की कई ओबी वैन को आग के हवाले कर दिया। बेकाबू भीड़ ने एलआइसी बिल्डिंग में आग लगा दी। पूरे शहर में सड़कों पर खड़े सैकड़ों वाहन जला दिए। हालात बिगडऩे शुरू हुए तो सीआरपीएफ ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए।

इसके बाद भीड़ और उग्र हो गई और सीआरपीएफ के जवानों पर टूट पड़ी। सेक्टर-3, 4, 5 में जमा डेरा समर्थकों के आगे जो भी आ रहा था, उसी को वह पकड़कर पीट रहे थे। सीआरपीएफ, सशस्त्र सेना बल, सीआइएसएफ ने पुलिस के साथ संयुक्त तौर पर अभियान छेड़ा। तब जाकर समर्थकों की भीड़ तितर-बितर हुई। पंचकूला से लगे हुए पंजाब के शहरों जीरकपुर और मोहाली के भी कुछ हिस्सों में ङ्क्षहसा की घटनाऐं हुई हैं। खरड़ में भी ऐसे ही हालात देर शाम तक बने हुए थे। चंडीगढ़ में भी हालात खौफजदा थे।

पंजाब व हर‍ियाणा कोर्ट ने सरकार से डेरा सच्‍चा सौदा की संपत्ति का ब्‍योरा मांगा है। संपत्ति बेचकर सरकारी नुकसान की भरपाई की जा सकती है। इस बीच, राम रहीम को कड़ी सुरक्षा में रोहतक जेल ले जाया गया है।

बता दें कि उन्‍हें सजा 28 अगस्त को सुनाई जाएगी। वहीं हरियाणा के सिरसा में हालात काफी नाजुक है। सिरसा में सेना की तैनाती कर दी गई है और कर्फ्यू लगा दिया गया है। कई जगहों पर सुरक्षा बलों और डेरा समर्थकों के बीच झड़प की खबरें भी आ रही हैं।

राम रहीम के आरोप सिद्ध हो जाने बाद भड़की हिंसा के चलते उत्तराखंड के नैनीताल में लागू हुई धारा 144।

हरियाणा डीजीपी बीएस संधु ने डेरा सच्चा सौदा द्वारा भड़की हिंसा को लेकर बयान जारी कर कहा, कि ऐसे मौंको पर अगर एक्शन नहीं लिया जाता तो नुकसान और ज्यादा हो सकता है।

लेकिन यहाँ सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर क्यों बाबा के भक्त इतने बावले हो गए। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी लाखों लोगों का हरियाणा में डेरा डालना भी सवाल उठाता है।

सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर हरियाणा सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे क्यों रही, जबकि फैसला आने से 3 दिन पहले ही पुलिस ने आगाह कर दिया था कि बाबा को सजा होने पर भक्त उत्पात मचाने वाले हैं।

हरियाणा के IGP लॉ ऐंड ऑर्डर की तरफ से पंजाब पुलिस को लिखे गए लेटर में साफ कहा गया है कि हिंसा हो सकती है और उस रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात भी लेटर में कही गई है। तीन दिन पहले लिखे इस लेटर में आइजीपी ने सुरक्षा कड़ी करने पर जोर देने को कहा था।

चंडीगढ़ के आईजीपी लॉ एंड ऑर्डर -1 गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने लेटर में आगाह किया गया कि फरीदकोट में नाम चर्चा घरों में पेट्रोल और डीजल जमा किया जा रहा है। यही नहीं डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों ने घरों की छतों पर नुकीले हथियार और पत्थरों को जमा करना भी शुरू कर दिया है। ऐसे में राम रहीम के विरुद्ध फैसला आने पर समर्थक इनका इस्तेमाल सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में हो सकता है।

यही नहीं लेटर में IGP ने और ज्यादा पुलिस प्रशासन की व्यवस्था करने की बात भी कही थी। IGP ने सुरक्षा के लिए और ज्यादा कदम उठाने पर भी जोर दिया था। यही नहीं IGP ने शांति बनाए रखने के लिए समर्थकों को हिरासत में लेने की बात भी कही थी। हालांकि इसके बावजूद हरियाणा और पंजाब सरकार और वहां के पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। यही वजह है कि कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। राज्य में अशांति फैल गई, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब सारी जानकारी थी तो हरियाणा और पंजाब सरकार ने राज्य को क्यों जलने दिया, क्यों माहौल बिगड़ने से नहीं रोका गया।