हाल ही में जहाजों के पक्षियों से टकराने कुछ मामले सामने आए थे। इसको देखते हुए डीजीसीए ने शनिवार को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नागर विमानन महानिदेशालय ने देशभर के सभी हवाई अड्डों को रैंडम पैटर्न पर लगातार गश्त किए जाने की ताकीद की है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर किसी तरह की वन्यजीव गतिविधि दिखे तो इसके बारे में पायलट को सूचना दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि बीते कुछ वक्त में हवाई जहाज से चिड़िया के टकराने की कई घटनाएं हुई हैं।
DGCA ने हवाई अड्डों को जारी की हैं यह गाइडलाइंस
- हवाई अड्डों को वन्यजीव से खतरों को लेकर असेसमेंट करना होगा और विमानों के लिए संभावित खतरे को देखते हुए उसी हिसाब से रैंकिंग देनी होगी।
- हवाई अड्डों के पास वन्यजीवों की गतिविधियों को मॉनीटर करने का प्रोसीजर और इसके रिकॉर्ड का आंकड़ा भी होना चाहिए।
- इसके अलावा हवाई अड्डे या इसके सीमा क्षेत्र में किसी तरह के जानवरों की गतिविधि दिखाई देने पर पायलटों को इस बारे में सूचित किए जाने की सुविधा होनी चाहिए।
- वाइल्डलाइफ हेजार्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत रूटीन गश्त की जानी चाहिए।
- यह गश्त इस तरह से होनी चाहिए कि वहां से गुजरने वालों जानवरों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा सके। इसके लिए रैंडम पैटर्न पर लगातार गश्त के लिए कहा गया है।
- एयरोड्रम ऑपरेटर्स को निर्देश दिया जाए कि वह वाइल्डलाइफ हेजार्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पर क्या एक्शन हुआ इस संबंध में मंथली रिपोर्ट दें। इसके अलावा हर महीने का वन्यजीवों के हमलों के आंकड़ों एक रिपोर्ट महीने की सात तारीख तक दें।
कुछ हालिया घटनाएं
19 जून: 185 यात्रियों को लेकर दिल्ली जा रहा स्पाइसजेट के विमान को पटना एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। पता चला कि बर्ड हिट के चलते विमान के इंजन में गड़बड़ी आ गई थी।
04 अगस्त: चंडीगढ़ जा रही गो फर्स्ट की फ्लाइट बर्ड हिट की घटना के बाद अहमदाबाद लौट गई।
05 अगस्त: मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली विस्तारा की फ्लाइट को चिड़िया से टकराने के बाद वाराणसी एयरपोर्ट पर लैंड करना पड़ा।