क्रिकेट से विवादों को नाता छूट ही नहीं रहा है। अभी BCCI अध्यक्ष एन श्रीवासन का मामला थमा भी नहीं है कि भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी नए विवाद में फंसते दिख रहे है। धौनी सहित अन्य खिलाडि़यों का प्रबंधन देखने वाली कंपनी रिति स्पोर्ट्स के मालिक अरूण पांडे और धौनी करीबी दोस्त हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिति स्पोर्ट्स में धौनी की 15 फीसद हिस्सेदारी है, जिससे हितों के संभावित टकराव का सवाल उठ रहा है।
यह कंपनी सुरेश रैना, रवीन्द्र जडेजा, आरपी सिंह और प्रज्ञान ओझा का भी प्रबंधन देखती है। इनमें जडेजा और रैना चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं, जिनके कप्तान धौनी है जबकि ओझा मुंबई इंडियंस और आरपी राॅयल चैलेंजर्स बेंगलूर के सदस्य हैं। सबसे खास बात यह है कि धौनी टीम इंडिया के चयन में सुरेश रैना, रविन्द्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा को खास महत्व देते आए हैं। यही नहीं आरपी सिंह, धौनी के कुछ करीबी दोस्तों में से हैं।
ळालांकि, आरपी सिंह ने इस बात से इन्कार किया कि रिति स्पोर्ट्स उनका प्रबंधक देखती है। पहले रिति स्पोर्ट्स की वेबसाइट पर आरपी का नाम आ रहा था लेकिन बाद में उनका नाम हटा दिया गया।
धौनी भारतीय टीम के कप्तान हैं। इस कारण आरोप लग रहे हैं कि रिति स्पोर्ट्स जिन खिलाडि़यों का प्रबंधन देखती है और वह खिलाडी टीम इंडिया में आसानी से जगह बना लेते हैं तो इसमें धौनी पर हितों के संभावित लाभ का मामला बनता दिख रहा है। खेल प्रबंधक कंपनी रिति स्पोर्ट्स ने साफ किया है कि भारतीय कप्तान की कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं है। हालांके, कंपनी ने भी कहा है कि धौनी थोड़े समय के लिए हिस्सेदार थे, लेकिन अब उनकी किसी भी तरह की कोई हिस्सेदारी नहीं है।
वर्ष 2010 में धौनी ने रिति स्पोर्ट्स के साथ 210 करोड़ रूपये का करार किया था, जिसके तहत धौनी को प्रतिवर्ष औसतन 70 करोड़ का भुगतान किया जाना था। यह भारतीय क्रिकेट में सबसे बड़ा करार था। कंपनी के चेयरमैन पांडे ने का कहना है कि रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लितिटेड में धौनी का कोई शेयर नहीं है। धौनी को 22 मार्च 2013 को कुछ शेयर दिए गए थे क्योंकि भारतीय कप्तान का कंपनी पर बकाया था। इसके बाद अप्रैल 2013 में धौनी का बकाया भुगतान कर दिया गया और 26 अप्रैल 2013 को शेयर वापस प्रमोटर्स को स्थानांतरित की दिए गए।