मुंबई के कैंसर हॉस्पिटल टाटा मेमोरियल में “क़ैसर के ईलाज की नयी पद्धति” शीर्षक पर आयोजित गोष्ठी में डॉक्टर ‘जमाल ए. खान’ ने व्याख्यान दिया। कैंसर हॉस्पिटल टाटा मेमोरियल अस्पताल ने कैंसर पर आयोजित गोष्ठी के लिए विशेष रूप से दिल्ली से बुलाया था। इस गोष्ठी में विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
डॉ. जमाल ने भारत में सर्वप्रथम कैंसर इम्यूनोथेरेपी का ईलाज 2005 में आरम्भ किया था। तबसे अब तक हजारों मरीजों को कैंसर रोगमुक्त कर चुके हैं। यह थेरेपी 90 दिनों का होता है। डॉ. जमाल का डैनवेक्स क्लिनिक दिल्ली, गुडगाँव, नॉएडा, बैगलोर, चेन्नई, कोचि तथा मलेशिया में स्थित है। शीघ्र ही मुंबई में भी डॉ. जमाल का डैनवेक्स क्लिनिक खोला जायेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारत में 60% से अधिक मरीज कैंसर की अंतिम अवस्था में डॉक्टर के पास पहुँचते हैं, इसीलिए यह जानलेवा साबित होता है। नियमित रूप से डॉक्टरी परामर्श और सही जांच कैंसर के ईलाज में मददगार होती है। मेरी कोशिश यह है कि कैसर के भय को निकालकर और पद्धति का सहारा लेकर (जिसमें डेनवेक्स भी शामिल है) कैंसर पर विजय प्राप्त किया सकता है।